इंदौर। आज विश्व जनसंख्या दिवस है। इंदौर ने तेजी से अपना आकार फैलाया है केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने पिछले 10 वर्षों में 32.88 प्रतिशत की वृद्धि से शहर की आबादी दर्ज की है , इंदौर ने अपना विकास भी तेजी से किया है लेकिन जिस तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, उस लिहाज से शहर में सुविधा व संसाधन नहीं जुट पा रहे हैं।
इंदौर में साल दर साल देश के विभिन्न नगरों और गांवों से कामकाजी लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। वाहनों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बेहतर परिवहन के लिए सडक़ों का जाल तेजी से बिछ रहा है, लेकिन ये सुविधाएं बढ़ती जनसंख्या के लिहाज से नाकाफी हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो वे बयां करते हैं कि शहर में जितनी सुविधाएं बढ़ीं, उससे कहीं ज्यादा आबादी में बढ़ोतरी हो गई। अब के बीच में जनसंख्या का फैलाव रोकने के लिए बाहरी इलाके में छोटी-छोटी टाउन शिप बनाना होंगी , पिने के पानी की व्यवस्था करना भविष्य में सबसे बड़ी चुनौती होगी , बीच शहर को वाहन मुक्त करना होगा , नए पार्किंग स्थल खोजना होंगे , सिटी बसों की संख्या बड़ा कर उसका फैलाव शहर के दुरस्त इलाकों में करना पड़ेगा । कुछ सालों से आमजन को मिलने वाली सुविधाएं सिमटती चली गईं। संतुलित विकास की नीति नहीं होने से ये स्थिति निर्मित हो रही है। यदि अभी भी सही नीति नहीं बनाई गई तो 2025 में हालात ज्यादा विकट होंगे। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में आयोग द्वारा इंदौर की संभावित आबादी 39 लाख से अधिक मानी गई। यानी आबादी की वृद्धि दर 2.5 त्न रही। 2011 में जिले की जनसंख्या 32,76,697 थी, जिनमें पुरुष 16,99,627 व महिला 15,77,070 थी। वहीं 2019 में जिले की आबादी 39,82,206 है। इनमें पुरुष 20,51,216 व महिला 19,30,990 हो गई यानी आठ साल में जिले की आबादी में 7,05,509 लोगों की वृद्धि हुई।
आबादी के साथ शहर का बढ़ा दायरा
इंदौर समुद्र की सतह से 1814 फिट या 553 मीटर की उंचाई पर स्थित है पिछले कुछ सालों में शहर का आकार भी बढ़ा। साल 2011 में शहर का क्षेत्रफल 135 वर्गमीटर था और आबादी 19,64,068 थी। शहरी सीमा में 29 गांव को शामिल किए जाने के बाद शहर का दायरा 272 वर्गमीटर हो गया और आबादी बढ़ गई। वार्ड संख्या 69 से बढकऱ 85 हो गई।
2025 तक 40 लाख का हो जाएगा इंदौर
2025 में यह 35 से 40 लाख हो जाएगी आबादी इंदौर जिले की तीन दशक में आबादी 43त्न की दर से बढ़ी है। हम खुद विकास कर सकते हैं, बशर्ते सरकार हमें हमारा राजस्व दे। संपत्ति, वाहन रजिस्टे्रशन सभी का पैसा इंदौर को मिले। इंदौर में मे पौधारोपण का बढ़ा बीड़ा उठाने की आवश्यकता है सड़क चौड़ीकरण में हजारों पेड़ कटने से हरियाली काफी कम हो गई है ।
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