इंदौर। प्राधिकरण बोर्ड की आज बैठक में 5 नई टीपीएस योजनाओं को मंजूरी दी जाएगी। लगभग 3 हजार एकड़ की ये योजनाएं 15 किलोमीटर लम्बे अहिल्या पथ निर्माण को लेकर अमल में लाई जाएगी, जो कि 75 मीटर चौड़ा रहेगा। नैनोद, रिजलाय, बुढ़ानिया, बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, बरदरी और रेवती की जमीनों पर ये योजनाएं लाई जा रही है। हालांकि 100 एकड़ से अधिक जमीनों पर नगर तथा ग्राम निवेश ने अभिन्यास मंजूर कर दिए हैं, जिसका भंडाफोड़ पिछले दिनों अग्रिबाण ने किया था।
संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार सहित अन्य बोर्ड सदस्यों और अधिकारियों की मौजूदगी में आज 11 बजे से प्राधिकरण बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें लगभग 2 दर्जन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण नई टीपीएस योजनाओं को लागू करने का निर्णय है।
इस बारे में पिछली बोर्ड बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन गई थी और भोपाल के आला अधिकारियों ने भी अहिल्या पथ निर्माण की इन योजनाओं को पसंद किया, क्योंकि इंदौर जैसे महानगर में परिवर्तित हो रहे शहर के लिए यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण भी है। इसमें एपी-1 नैनोद, जम्$बुड़ी हप्सी और रिजलाय में लागू होगी, तो एपी-2 ग्राम बुड़ानिया और बड़ा बांगड़दा में, वहीं एपी-3 पालाखेड़ी, बुड़ानिया और बड़ा बांगड़दा की जमीनों पर तथा एपी-4 पालाखेड़ी के साथ लिम्बोदागारी और बड़ा बांगड़दा में तथा एपी-5 लिम्बोदागारी, रेवती, बरदरी, भौंरासला एवं बड़ा बांगड़दा की जमीनों पर अमल में लाई जाना है। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक इन 5 टीपीएस योजनाओं में एक हजार हेक्टेयर से अधिक यानी लगभग 3 हजार एकड़ जमीनें शामिल रहेंगी और 15 किलोमीटर लम्बा तथा 75 मीटर चौड़ा अहिल्यापथ निर्मित होगा, जिससे पीथमपुर से लेकर देवास तक के वाहनों काआवागमन सुगम हो सकेगा। इसमें फिंटेक सिटी सहित अन्य निर्माण कार्य भी होंगे। वहीं आज की बोर्ड बैठक में ग्राम मोरोद में सरकारी जमीन खसरा नं. 372/1, 125 हेक्टेयर यानी लगभग 300 एकड़ पर मंडी और ट्रांसपोर्ट नगर प्रस्तावित किए हैं, जो कि वन भूमि है। उसके लिए फॉरेस्ट कन्वर्शन एक्ट के तहत आवेदन और मंजूरी प्राप्त करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति भी की जाएगी।
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