इंदौर। पूर्वी बायपास स्थित रालामंडल (Ralamandal) फ्लायओवर (flyover) की पहली गर्डर (First girder) सोमवार को सफलतापूर्वक लांच कर दी गई। ब्रिज के लिए 24 गर्डर (24 girders) लांच की जाना हैं और अब यह काम लगातार होगा। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने कांट्रेक्टर कंपनी को अगले एक महीने में सभी गर्डर स्थापित करने का लक्ष्य दिया है।
सोमवार को 150-150 टन क्षमता वाली दो क्रेनों की मदद से पहली गर्डर को फ्लायओवर के पिलर पर स्थापित किया गया। गर्डर 30 मीटर लंबे स्पान पर रखी गई है। इसके लिए इंजीनियरों से लेकर मजदूरों तक ने काफी मशक्कत की और गर्डर को रखने के लिए बड़ी-बड़ी क्रेनें बुलाई गईं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि रालामंडल फ्लायओवर का काम 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है। फिलहाल विभाग अर्जुन बड़ौदा, एमआर-10 और रालामंडल जंक्शन पर फ्लायओवर का निर्माण कर रहा है। इनमें से सबसे पहले रालामंडल फ्लायओवर की गर्डर लांच की जा रही है। हर गर्डर का वजन लगभग 65 टन के आसपास होगा। अगला नंबर एमआर-10 जंक्शन का है।
अगले साल होगा तैयार
अफसरों का कहना है कि रालामंडल फ्लायओवर अगले वर्ष 2025 में जून के बाद कभी भी तैयार हो सकता है। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि फिर बायपास का ट्रैफिक बिना अवरोध के फ्लायओवर से गुजर जाएगा। अभी जंक्शन पर काम के कारण ट्रैफिक बाधित हो रहा है और धूल के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
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