प्रशासन ने भूखंड पीडि़तों के बयान करवाए… रहवासी संघ का कहना – गार्डन की जमीन कैसे छोड़ दें… पूरी रजिस्ट्री ही करवाएंगे शून्य
इन्दौर। देवी अहिल्या गृह निर्माण (Devi Ahilya House Building) की कालोनी अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) में अवैध रूप से खरीदी 1.47 एकड़ जमीन केएस सिटी (KS City) से सरेंडर करवाई गई, लेकिन कोर्ट में प्रशासन को धोखा देते हुए सिर्फ 5 भूखंडों को ही सरेंडर करने का आवेदन लगाया, जिसका भंडाफोड़ अग्निबाण ने कल ही कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने भूखंडधारकों को बयान के लिए बुलाया और अयोध्यापुरी रहवासी संघ ने भी इस कृत्य पर कड़ी आपत्ति ली और पूरी जमीन की रजिस्ट्री शून्य करवाने की मांग भी की। इस संबंध में केएस सिटी के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ आज एफआईआर भी प्रशासन दर्ज करवाएगा।
इन्दौर जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद कलेक्टर मनीषसिंह (Collector Manish Singh) ने उन लोगों को कानूनी प्रकरणों से बचने का मौका दिया, जो अपनी गलती सुधारते हुए अपनी जमीने सरेंडर कर भूखंडधारियों के अधिकार के मार्ग खोल सके। प्रशासन कि इस पहल का कई लोगों ने फायदा उठाते हुए अपनी जमीने सरेंडर करने के पैगाम प्रशासन तक भिजवाए। इसके बाद उन लोगों को प्रशासनिक कार्रवाइयों से पृथक कर दिया गया, जो गलती सुधारने की मंशा रखते थे। इसी कड़ी में अयोध्यापुरी में भी पिछले दिनों केएस सिटी की ओर से जमीन खरीदने वाले आशीष गुप्ता ने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर (Dr. Abhay Bedekar) को जो शपथ-पत्र सौंपा उसमें सर्वे नम्बर 386/1/2 की रकबा 0.595 हैक्टेयर जमीन सरेंडर करने की बात स्पष्ट रूप से लिखी गई, लेकिन जब कल कोर्ट में आवेदन लगाया तो उसमें सिर्फ 5 भूखंडों की 6250 स्क्वेयर फीट जमीन सरेंडर करने की बात ही कही गई। अग्निबाण द्वारा इस तथ्य के प्रकाशन के बाद तो प्रशासन के समक्ष भी धोखाधड़ी की ये जानकारी सामने आई। अपर कलेक्टर डॉ. बेडेकर के मुताबिक पूरी 1.47 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री ही कोर्ट से शून्य करवाई जाना है और बकायदा इस आशय का शपथ-पत्र केएस सिटी (KS City) की ओर से दिया गया भी है। दरअसल देवी अहिल्या के भूमाफियाओं द्वारा बनाए गए अध्यक्ष रणवीरसिंह सुदन ने जितनी भी रजिस्ट्रियां की हैं वे सब अवैध ही हैं, जिसके चलते केएस सिटी की 04.04.2007 को करवाई गई रजिस्ट्री भी अवैध ही है, जिसके संबंध में पिछली आमसभा में ठहराव प्रस्ताव भी पारित हो गया है। अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) रहवासी कल्याण संघ के गौरीशंकर लाखोटिया का भी कहना है कि पूरी 1.47 एकड़ यानी 60 हजार स्क्वेयर फीट जमीन की रजिस्ट्री ही शून्य होना है और इसके बदले में मात्र 5 भूखंड ही सरेंडर करने का जो आवेदन कोर्ट में लगाया वह सरासर धोखेबाजी है। मामले का खुलासा होने पर कल प्रशासन ने 5 भूखंडधारकों में से दो के बयान भी लिए और इस आधार पर थाना एमआईजी में एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है।
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