शहर के 34 कॉलोनाइजरों के खिलाफ होगी एफआईआर
इंदौर। रियल इस्टेट (Real Estate) का जो संगठन रियल इस्टेट के कारोबारियों की समस्याएं सुलझाने नीति, नियम पर अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए बनाया गया है, उसके ही पदाधिकारी नियम विरुद्ध (against the rules) काम कर कर रहे हैं। कल जिला प्रशासन (District Administration) ने क्रेडाई (CREDAI) के चेयरमैन गोपाल गोयल (chairman Gopal Goyal) पर बंधक प्लाट बेचने के मामले में प्रकरण दर्ज कराया, वहीं शहरभर में कॉलोनियां (Colonies) काटकर डायरियों पर लोगों का पैसा हड़पने वाले साकार ग्रुप के कॉलोनाइजर संजय दासौद (sanjay dasoud) पर भी इसी मामले मेेंं प्रकरण दर्ज कराया।
विकास कार्य पूर्ण किए बिना कॉलोनाइजरों ने बंधक प्लाट बेच डाले…
डीआईजी निमिष अग्रवाल और एसपी हितिका वासल ने बताया कि जिला प्रशासन की शिकायत पर दातोद महू तहसील में स्थित साकार रियल लाइफ नाम से एक टाउनशिप के नाम पर विकास अनुमति ली गई थी और 79 प्लाट को बंधक रखा गया था। इस कालोनी में क्रेडाई चेयरमैन गोपाल गोयल के साथ ही संजय दासौद भी पार्टनर हैं। दोनों ने कार्य पूर्ण होने के पहले ही 57 बंधक प्लाट बेच दिए। जांच में शिकायतें सहित सही मिलने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 318 और 316 के तरह केस दर्ज कर लिया है। दासौद ने खुद स्वीकारा कि उसने बंधक प्लाट बेचे हैं, जिन्हें वह नई कालोनी में समायोजित करेगा।
लोगों से भी धोखाधड़ी
कलेक्टर के पास दासौद की कॉलोनियों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। इनमें साकार कॉरिडोर, बड़ा बांगड़दा, साकार हिल्स एवं सिद्धि विहार ग्राम जैतपुरा के साथ ही सांवेर रोड पर कॉलोनी काटने के नाम पर डायरी पर ही लोगों से करोड़ों रुपया ऐंठ लिए और आज तक न विकास कार्य हुआ और न ही लोगों के पैसे वापस मिले। कई कॉलोनियों में तो दासौद ने जमीनें खरीदे बिना नक्शे पर ही प्लाट बेच दिए।
34 कॉलोनाइजरों के खिलाफ होगी एफआईआर
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई प्रशासन सख्त कार्रवाई लगातार कर रहा है। पिछले दिनों बुलडोजर भी चलवाए, वहीं अभी 34 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी एसडीएम से उनके क्षेत्र में हो रहे अवैध कॉलोनाइजेशन की जानकारी मांगी और अब उस आधार पर कार्रवाई शुरू होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले दिनों यह स्पष्ट निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनाइजेशन बर्दाश्त नहीं होगा और नियमित यानी वैध करने की कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। पूर्व में शासन ने जिन कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू करवाई थी, वे ही नियमितीकरण की सूची में रहेंगी। उसके बाद बनने वाली कॉलोनियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। कलेक्टर आशीष सिंह लगातार अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और सभी एसडीएम से भी इस बारे में सूची मांगी गई, वहीं हर मंगलवार को जनसुनवाई में भी गृह निर्माण संस्थाओं के अलावा कॉलोनाइजरों से पीडि़त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। बिचौली, बिहाडिय़ा, सनावदिया, सिमरोल, रालामंडल से लेकर सभी क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां धड़ल्ले से कट रही हैं। ग्राम जामनिया में सर्वे नम्बर 90/4 पर बिहाडिय़ा निवासी मोहित यादव, मुकेश यादव सहित अन्य ने अवैध कॉलोनी काटकर गरीबों से लाखों रुपए की राशि ले ली और अब किश्तों में लौटाई जा रही है। दूसरी तरफ रालामण्डल अभयारण्य, जो कि ईको सेंसेटिव घोषित एरिया है, उसकी 23 एकड़ जमीन पर हिल साइड फार्म डेवलपर्स प्रा.लि. ने रिवेरा हिल्स एंड रिसोर्ट के नाम से फार्म हाउस की अवैध मंजूरी लेकर कॉलोनी काट दी, जिसके कर्ताधर्ता संतोष श्रीवास्तव, अनिल मेहता और सिग्रेचर क्रिएशन के अरोरा हैं। प्रशासन ने इसकी भी जांच शुरू करवा दी, वहीं 34 कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है। अपर कलेक्टर गौरव बैनल और कॉलोनी सेल के प्रभारी प्रदीप सोनी का कहना है कि इनकी सूची तैयार कर ली गई है। एफआईआर के साथ ही अवैध निर्माणों को भी जमींदोज किया जाएगा। इससे पूर्व भी प्रशासन ने भी अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया, वहीं प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है कि इस तरह के अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
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