इंदौर। रात को क्राइम ब्रांच और कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई में दो जगह अवैध तरीकों से उर्वरक बनाते हुए पकड़ा। उर्वरक नकली है या असली यह तो रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा, लेकिन जहां उर्वरक मिला वहां से उर्वरक बनाने संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले। इसके चलते लसूडिय़ा थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
दरअसल कृषि उपसंचालक राजेंद्रसिंह तोमर को सूचना मिली थी कि लसूडिय़ा क्षेत्र में अवैध तरीके से उर्वरक बनाने का काम किया जा रहा है। इस पर कृषि विभाग की टीम क्राइम ब्रांच के साथ एसआर कंपाउंड देवास नाका स्थित मेसर्स इजीकेयर कंज्यूमर सॉल्यूशन प्रा.लि. पहुंची तो यहां के प्रोपराइटर शैलेंद्र पाटीदार द्वारा अवैध रूप से फोम का भंडारण किया गया था। पाटीदार के पास उक्त जगह उर्वरक से संबंधित लाइसेंस भी नहीं पाया गया। दूसरी कार्रवाई में मेसर्स नेचर एग्रो केयर एंड रिसर्च सेंटर प्रा.लि. के योगेंद्रसिंह द्वारा अवैध रूप से माइक्रो राइजा का निर्माण और विक्रय करना पाया गया। सिहं के पास भी उक्त जगह का लाइसेंस नहीं था। दोनों जगह से सैंपल लेकर लैब में जांच करने के लिए भेजे गए। लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही उर्वरक के असली-नकली होने का पता चलेगा। दोनों पर मुकदमे दर्ज हो गए हैं।
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