इंदौर। पुष्प विहार कालोनी (Pushp Vihar Colony) और अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) के सदस्यों को राहत देने के बाद जिला प्रशासन के मुखिया मनीषसिंह (Collector Manish Singh) के निर्देश पर आज प्रशासन और नगर निगम के साथ भारी पुलिस बल फर्जी हिना पैलेस (Fake Hina Palace) के उस कब्जे को ढहाने पहुंचा, जिसे दीपक जैन (Deepak Jain) उर्फ दीपक मद्दा के साथ जितेन्द्र-राजीव धवन उर्फ हैप्पी-लक्की ने हड़पा था। करीब चार संस्थाओं के हजारों सदस्यों के सपनों को रौंदकर जमीन हड़पने वाला दीपक मद्दा और राजीव उर्फ लक्की धवन जहां भागे-भागे फिर रहे हैं, वहीं उनके कब्जे को ढहाने के लिए शहर का पूरा प्रशासन जा पहुंचा और करीब पौन किलोमीटर लंबी उस बाउंड्रीवॉल को ढहा दिया जो उनके अहंकार की निशानी बनी हुई थी।
संस्थाओं की हड़पी जमीन पर पौन किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवॉल का कब्जा नेस्तनाबूद
आज सुबह हिना पैलेस (Hina Palace) कालोनी के समीप फर्जी हिना पैलेस कालोनी बनाकर कई संस्थाओं से हड़पी जमीन पर बनी बाउंड्रीवॉल तोडऩे के लिए निगम और प्रशासन की टीम भारी-भरकम पुलिस बल के साथ पहुंची और करीब पौन किलोमीटर के हिस्से में बनी बाउंड्रीवॉल के साथ ही कई प्लाटों की बाउंड्रीवॉल ढहा दी। उक्त भूमि पर कई सहकारी संस्थाओं के हजारों सदस्यों का हक है, लेकिन भूमाफिया दीपक जैन मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया एवं जितेन्द्र और राजीव धवन उर्फ हैप्पी-लक्की ने संस्थाओं की जमीन हड़पकर उसे हिना पैलेस कालोनी से मिलाते हुए नगर निगम से भूमि का नियमितीकरण करा लिया, जबकि यह भूमि गैरआवासीय प्रयोजन की होने के कारण सदस्य उसके भू-परिवर्तन की बाट जोह रहे थे, ताकि उन्हें प्लाट मिल सके। लेकिन इसी बीच तीनों भूमाफियाओं ने मिलकर उक्त जमीन पर डाका डाल दिया। इतना ही नहीं, इन भूमाफियाओं (land mafia) ने उक्त खाली पड़ी जमीन के पास के हिस्से में नाले की जमीन पर भी कब्जा कर उसे भी कालोनी की जमीन में शामिल कर लिया था । निगम का अमला जब क्षेत्र में कार्रवाई कर रहा था तो वहां अधिकारियों के पास क्षेत्र के कुछ रहवासी पहुंचे और उन्होंने बताया कि यहां वर्षों पुराना एक नाला था, उसकी भी जमीन कब्जा कर खाली हिस्से में शामिल कर ली गई। वहां निगम द्वारा कुछ दिनों पहले ही जमीन के एक हिस्से में पानी की नई टंकी का निर्माण कराया गया है और उसके पास के हिस्से में नाले की जमीन कवर कर वहां प्लाटों की बाउंड्रीवॉल बना दी गई।
प्रशासन के अनुसार आज दिनभर बाउंड्रीवॉल और प्लाटों के आसपास बनाई गई बाउंड्रीवॉल तोडऩे का काम चलेगा। निगम ने आज सुबह 8 बजे से ही कार्रवाई शुरू कर दी। नगर निगम की उपायुक्त रिमूवल लता अग्रवाल, निगम अधिकारी असित खरे, बुंदेला और अन्य अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और बाउंड्रीवॉल तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी गई। कार्रवाई के लिए तीन जेसीबी, पोकलेन और निगम के 100 कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस का अमला भी मौके पर मौजूद था। अब रिक्त की गई जमीन को प्रशासन कब्जे में लेगा।
चार संस्थाओं से हड़पी जमीन पर बसा डाला हिना पैलेस
खजराना की लगभग 25 एकड़ जमीन पर इस कालोनी को वैध किया गया। इसमें से लगभग 15 एकड़ जमीन दीपक जैन ने श्रीराम गृह निर्माण संस्था से हड़पकर शामिल कर ली। वहीं लगभग 8 एकड़ से अधिक जमीन वैभवलक्ष्मी रियल एस्टेट की शामिल की गई, जिसके कर्ताधर्ता जितेन्द्र और राजीव धवन हैं। यह जमीन इन्होंने शताब्दी, टेलीकॉम और हरियाणा गृह निर्माण संस्थाओं से हड़पी। निगम के रिकॉर्ड में हिना पैलेस कालोनी सन् 2002 के पहले थी और साल 98-99 की सूची में सिर्फ 4 खसरा नम्बरों पर 50 मकान बने होने का उल्लेख था, लेकिन जब नियमितीकरण किया गया तो उपरोक्त खसरे छोड़ दिए और संस्थाओं की हड़पी जमीनों के खसरों को शामिल कर लिया गया। 10.746 हेक्टेयर यानी लगभग 25 एकड़ जमीन में नगर निगम ने अपने नियमितीकरण आदेश में खसरा नं. 1100 के साथ सर्वे नं. 1187/5, 1188/2, 1188/3, 1189/2, 1148, 1187/4, 1188/4, 1098/1, 1098/2, 1187/2, 1187/3, 1042, 1043/1 से लेकर अन्य तमाम खसरों की जमीनें शामिल की। इनमें से अधिकांश जमीनें गृह निर्माण संस्थाओं की हड़पी हुई शामिल की गईं और खाली जमीन पर हिना पैलेस बसा हुआ बता दिया गया। चूंकि 10 प्रतिशत निर्माण किसी कालोनी को वैध करने के लिए जरूरी है और भू-उपयोग भी आवासीय होना चाहिए, लेकिन हिना पैलेस के मामले में नगर निगम के कालोनी सेल ने इन तथ्यों की भी अनदेखी की और खाली जमीनों पर ही हिना पैलेस में बसाहट बताकर नियमितीकरण कर डाला था और आवासीय के बजाय पीएसपी और क्षेत्रीय उद्यान की जमीनों को भी आवासीय प्रयोजन की बता डाला। हिना पैलेस महाघोटाले के अलावा दीपक जैन मद्दा उर्फ दिलीप सिसौदिया ने अन्य तमाम गृह निर्माण संस्थाओं में भी इसी तरह सदस्यों के हिस्से की जमीनें लूट लीं।
लोकायुक्त में भी हुई जांच… लेकिन भूमाफिया बचते रहे
नगर निगम ने जैसे ही कुछ समय पहले अवैध हिना पैलेस कालोनी को वैध किया उसके तुरंत बाद लोकायुक्त में इसकी शिकायत हुई। अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ही लोकायुक्त संगठन ने इस पूरे मामले में बड़े भ्रष्टाचार की बात तो स्वीकार की, लेकिन बाद में उसे क्लीनचिट भी दे दी। लोकायुक्त को की गई शिकायत में नगर निगम के साथ-साथ सहकारिता विभाग के अधिकारियों पर भी सवाल खड़े किए गए थेे कि कैसे नियम विरुद्ध हिना पैलेस को वैध किया गया, जबकि लोकायुक्त द्वारा श्रीराम गृह निर्माण, सारथी गृह निर्माण संस्था, वैभवलक्ष्मी, टेलीकॉम गृह निर्माण व अन्य में हुई गड़बडिय़ों के चलते दिलीप सिसौदिया, जितेन्द्र धवन, राजीव धवन, रामसेवक पाल, माखनलाल कथित अध्यक्ष हिना पैलेस कालोनी के खिलाफ धारा 13 (1) डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 एवं धारा 420, 467, 468, 471, 406 और 120 बी भादवि के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच-पड़ताल शुरू की गई थी।
– घोटालों की हिना पैलेस
15 भूखंड बहुमंजिला इमारतों के कर डाले मंजूर
हिना पैलेस (Hina Palace) कांड में निगम भी बराबर का भागीदार रहा। किसी भी गृह निर्माण संस्था के मंजूर अभिन्यास में हजार-1500 या अधिकतम 2400 स्क्वेयर फीट तक के भूखंड ही सदस्यों के लिए मंजूर करवाए जाते हैं। लेकिन हिना पैलेस के अभिन्यास में एक और बड़ी गड़बड़ी भूखंडों के आकार-प्रकार को लेकर भी की गई। 10.74 हेक्टेयर जमीन पर हिना पैलेस का अभिन्यास मंजूर किया, जिसमें से 10.201 हेक्टेयर जमीन तो गृह निर्माण संस्थाओं की हड़पी हुई शामिल की गई और इस अवैध कालोनी में 10 से लेकर 20 हजार स्क्वेयर फीट तक के भूखंड भी नगर निगम से मंजूर करवा लिए। 15 भूखंड ऐसे हैं, जो 10 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक बड़े हैं, जिन पर बहुमंजिला इमारतें निर्मित करवाई जाना थीं। इस कांड में भूमाफिया और निगम के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी शामिल रहे। इनमें से कुछ भूखंड शहर के बिल्डर-कालोनाइजरों को बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के लिए बेच भी डाले।
515 भूखंडों के साथ 215 मकानों की बोगस रिपोर्ट
हिना पैलेस कालोनी में निगम ने गजब का फर्जीवाड़ा किया। 10 प्रतिशत हिस्से पर मकान का निर्माण जरूरी है। इसके बजाय भूमाफियाओं के साथ मिलकर ऐसा जादू दिखाया कि 10.74 हेक्टेयर जमीन के 40 प्रतिशत हिस्से पर मकान नजर आने लगे। एक गंगराड़े एसोसिएट नामक फर्म से रिपोर्ट बनवाई गई, जिसमें 515 भूखंडों पर 215 मकान बने बताए गए। मजे की बात यह है कि जिन 300 भूखंडों को खाली बताया गया उनका क्षेत्रफल लगभग 5 लाख स्क्वेयर फीट है और जिन पर 215 मकान बने बताए गए उनका क्षेत्रफल मात्र डेढ़ लाख स्क्वेयर फीट दर्शाया गया। इन 215 मकानों में से 60 मकान ऐसे थे, जिनके मालिकों का ही कोई अता-पता नहीं और उन घरों पर ताले लगे होना बताए। रिपोर्ट देने वाली फर्म ने इन 60 घरों का क्षेत्रफल 44565 स्क्वेयर फीट बता डाला। फर्जी हिना पैलेस कालोनी की जांच की जाएगी तो और भी कई राज सामने आएंगे, जिनमें कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत का पर्दाफाश होगा।
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