पहले अधिकारी बदले और फिर कोरोना की चपेट मे आ गया था विभाग
इंदौर। सौ करोड़ का लोन घोटाला (Loan Scam) करने वाले दंपत्ति के खिलाफ ईओडब्ल्यू (EOW) में दर्ज केस में एक साल बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई है। इसके पीछे दो कारण प्रमुख बताए जा रहे हंै। पहला कि केस दर्ज करने वाले अफसर चले गए और दूसरा कोरोना काल में ईओडब्ल्यू (EOW) के ज्यादातर कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ गए थे। जिसके चलते जांच प्रभावित हुई।
लगभग ड़ेढ साल पहले ईओडब्ल्यू (EOW) ने लोन माफिया (Loan mafia) संजय द्विवेदी (Sanjay Dwivedi) और उसकी पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। टीम ने उनके पांच ठिकानों पर छापा मारा था और वहां से दो बोरे भरकर दस्तावेज जब्त किया था। पुलिस ने बताया था कि ये लोगों पहले किसी को अपना पार्टनर बनाते थे और फिर उसकी जमीन गिरवी रखकर लाखों का लोन ले लेते थे। बाद में यह राशी अपनी फर्जी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर कर निकाल लेते थे। इन लोगों ने 50 से अधिक बोगस कंपनियां बना रखी थी। इस कार्रवाई के दौरान डीएसपी आनंद यादव कार्रवाई कर रहे थे। लेकिन उनका तबादला होते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। एसपी भी बदल गए। इसके चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन इसके बाद कोरोना की चपेट में ईओडब्ल्यू (EOW) का ज्यादातर स्टॉफ आ गया। एक दो को छोड़ कर सभी शिकार हुए। इसके चलते भी एक साल से जांच में कोई प्रगति नहीं हुई न ही दोनों को पकडऩे का कोई प्रयास हुआ।
हातोद और देपालपुर में भी दर्ज है केस
दंपत्ति के खिलाफ हातोद और देपालपुर में भी केस दर्ज है। यहां उन्होने किसानों की जमीन बैक में गिरवी रखकर करोड़ों का लोन ले लिया था। इस मामले में भी पुलिस को उनकी तलाश है। लेकिन यहां भी पुलिस ने कोई रूची नहीं दिखाई।
गोलीकांड में भी नाम
इस संबंध में एसपी धनंजय शाह से कुछ समय चर्चा करने पर उनका कहना था कि जांच चल रही है। उन्होने यह भी बताया कि जब वे इंदौर में सीएसपी थे इस दौरान इन दोनों दंपत्तियों को एक गोलीकांड में नाम आया था। जिसमें एक वकील ने केस दर्ज करवाया था। इसकी जानकारी में भी निकलवा रहे हंै।
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