इन्दौर। अग्निबाण ने मतदान के अगले दिन ही यह लिखा था कि इन्दौर से इस बार दो रिकार्ड बनेंगे। पहला तो भाजपा प्रत्याशी की सबसे बड़ी जीत का और दूसरा नोटा का। कल मतगणना के बाद यह बात सच भी साबित हुई। भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 मतों से जीतकर जहां पूरे देश में नंबर वन आने का रिकार्ड बनाया, साथ ही इन्दौरियों ने 2 लाख 18 हजार 674 वोट नोटा को देकर भी उसका अखिल भारतीय रिकार्ड बना डाला। कल स्टेडियम में मतगणना को लेकर तो किसी को कोई रुचि नहीं थी। सारे मीडियाकर्मी हर राउंड के बाद यह कहने का प्रयास करते रहे कि नोटा को कितने वोट मिले हैं।
एक भी बूथ ऐसा नहीं रहा, जिसमे नोटा को वोट न मिले हों, बल्कि विधानसभा तीन और पांच में तो कई बूथ ऐसे रहे, जहां भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी से दो गुना से ज्यादा वोट नोटा के खाते में आए। यही कारण है कि लालवानी की विराट जीत भी नोटा के हल्ले और चर्चे में दर्ज की गई। देशभर में उनकी बड़ी जीत से ज्यादा चर्चे नोटा के हो गए और यह इन्दौर का चुनाव इतिहास में दर्ज भी हो गया। जब भी लोकसभा चुनाव का विश्लेषण किया जाएगा तो उसमें 2024 के इस चुनाव का उल्लेख इसी तरह होगा कि भाजपा उम्मीदवार के सामने कोई चुनौती ही नहीं थी और उन्होंने रिकार्ड भले ही बनाया, मगर उनकी जीत पर नोटा का अमिट दाग लग गया, जो हमेशा कायम रहेगा, क्योंकि अब नोटा का भी यह रिकार्ड अगले किसी भी चुनाव में टूटना मुश्किल है। अलबत्ता उम्मीदवार को मिले सर्वाधिक वोट का रिकार्ड तो टूट सकता है। यानी आने वाले वर्षों में लालवानी का रिकार्ड भले ही टूटा जाए, मगर नोटा का रिकार्ड कायम रहेगा। इन्दौर के मुस्लिम क्षेत्रों से भी नोटा को अच्छे वोट मिले हैं।
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