- इस साल जुलाई माह में हुई सर्वाधिक कमाई
- अब वित्त वर्ष के तीन माह में भी बढ़ेगा राजस्व
- हालांकि नए पोर्टल की समस्याएं भी नहीं हो सकी फिलहाल दूर
इंदौर। अचल सम्पत्तियों (Fixed Assets) के कारोबार में उतनी तेजी फिलहाल न हो, बावजूद इसके 700 से अधिक रजिस्ट्रियां (registrations) औसतन रोजाना इंदौर जिले में हो रही है, जिसके चलते अभी दिसम्बर अंत तक पंजीयन विभाग (Registration Department) ने सवा लाख से अधिक रजिस्ट्रियां कर स्टाम्प ड्यूटी (stamp duty) के जरिए लगभग 1700 करोड़ रुपए कमा लिए हैं। अब वित्त वर्ष के बचे तीन महीनों में जनवरी, फरवरी और मार्च में भी अच्छा राजस्व मिलेगा। इस साल जुलाई के माह में सर्वाधिक 231.91 करोड़ रुपए का राजस्व मिला और इस दौरान 16465 दस्तावेजों का पंजीयन भी हुआ। गत वर्ष की तुलना में लगभग 80 करोड़ रुपए अधिक हासिल हुए हैं।
चालू वित्त वर्ष के दौरान ही पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर 400 से अधिक क्षेत्रों में गाइडलाइन बढ़ाने के भी प्रयास किए गए। हालांकि इंदौर कार्यालय ने पूरी प्रक्रिया कर भोपाल मुख्यालय को जानकारी भेज दी। मगर भोपाल सहित कुछ जिलों में भाजपा नेताओं के ही विरोध के चलते शासन ने यह वृद्धि टाल दी और अब हर साल 1 अप्रैल से जो नई गाइडलाइन होती है उसके मुताबिक ही अचल सम्पत्तियों की गाइडलाइन में वृद्धि की जाएगी और उसकी भी प्रक्रिया इंदौर में शुरू हो गई है। 15 जनवरी से उप जिला मूल्यांकन समिति आगामी वित्त वर्ष की गाइडलाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देगी और 15 फरवरी तक सभी प्रस्ताव भोपाल भिजवा दिए जाएंगे, ताकि 1 अप्रैल 2025 से नई और संशोधित गाइडलाइन लागू हो सके। अभी हालांकि जो नया पोर्टल सम्पदा-2.0 लॉन्च किया गया है उसकी समस्याएं भी पूरी तरह से दूर नहीं हुई है। धीमी गति से सर्वर चलने से लेकर स्लॉट बुकिंग में भी दिक्कत आ रही है। उपमहानिरीक्षक पंजीयन परीक्षेत्र इंदौर बालकृष्ण मोरे के मुताबिक इंदौर में लगभग 1700 करोड़ रुपए का राजस्व आज 31 दिसम्बर तक प्राप्त हो जाएगा, क्योंकि दो दिन पहले का ही आंकड़ा 1680 करोड़ रुपए का है। अभी तक 1 लाख 25 हजार 384 दस्तावेज पंजीबद्ध हो चुके हैं। गत वर्ष इसी अवधि में 1605.11 करोड़ हासिल हुए थे। यानी इस साल अभी तक 80 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व गत वर्ष की तुलना में अब तक मिल चुका है। अप्रैल से लेकर दिसम्बर के माह का अगर अवलोकन किया जाए तो सबसे अधिक राजस्व जुलाई माह में हासिल हुआ, तो इसी तरह अक्टूबर में भी 214.43 करोड़ रुपए मिले। अभी दिसम्बर में भी 180 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व हासिल हो जाएगा।