इंदौर (Indore)। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ दिलाने के लिए पात्रता मापदंडों मेंं वृद्धि और आय प्रमाण पत्र की अनिवार्यता किए जाने के बाद इंदौर जिला अपने टारगेट से पिछड़ता नजर आ रहा है। पिछले तीन सालों में उम्मीद से अधिक सफलता हासिल करने के बाद इंदौर को इस वर्ष टारगेट भी छूना मुश्किल नजर आ रहा है। भारत सरकार द्वारा महिलाओं को मातृत्व अवकाश के साथ-साथ पहली और दूसरी डिलेवरी पर मातृत्व लाभ राशि दी जाती है, जिसकी पात्रता की श्रेणी में सुधार करते हुए पिछले साल से दूसरा बच्चा बालिका होने की सूरत में भी लाभ दिलाए जाने की घोषणा के बाद मामलो में बढ़ोतरी होना थी, लेकिन आंकड़ों में कमी का कारण अधिक आय सामने आ रही है।
मिशन शक्ति के अंतर्गत जारी किए गए दिशा निर्देशों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाएं, गरीबी रेखा राशनकार्डधारी महिलाएं, आयुष्मान की पात्र महिलाएं, ईश्रमकार्डधारी महिलाएं, किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभान्वित महिला हितग्राही, मनरेगा जाबकार्डधारी महिलाएं, गर्भवती और धात्री आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा कार्यकर्ता को इस योजना में लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। 8 लाख प्रतिवर्ष से कम शुद्ध पारिवारिक आय वाली महिलाओं को भी योजना का लाभ दिलाया जाना है, लेकिन शहरी क्षेत्र में पारिवारिक आय 8 लाख से अधिक निकलने के कारण कई महिलाएं लाभ की जद से बाहर हो गई हैं।
यह है तीन साल का आंकड़ा
महिला बालविकास विभाग इंदौर को दिए गए टारगेट और अचीवमेंट के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो 2021-22 में 34982 महिलाओं का टारगेट दिया गया था। जिस पर उम्मीद से अधिक सफलता हासिल करते हुए कर्मचारियों ने 35257 महिलाओं को योजना के तहत 6-6 हजार की राशि उपलब्ध कराई थी, जबकि 2022-23 में जिला 34998 के टारगेट को भी नहीं छू पाया था और मात्र 30579 महिलाओं को लाभ दिला सका। शासन ने 2023-24 में योजना में महिलाओं को अधिक लाभ दिलाने की दिशा में काम किया और ऐसी महिलाए,ं जिन्हें दूसरे बच्चे के रूप में बेटी पैदा हुई है, उन्हें भी इस योजना के लिए पात्र घोषित किया गया है।
दो बार लाभ दिलाया
2023-24 के आंकड़ों के अनुसार पहली व दूसरी किस्त पाने वाली महिलाओं की सूची में क्रमश: 31565 व 12938 महिलाओं को लाभ दिलाया जाना चिन्हित किया गया था, लेकिन विभाग पिछले वर्ष भी पहली डिलेवरी वाली 23359 महिलाओं व दूसरी बार गर्भवती हुई 11650 महिलाओं को ही लाभ दिला पाया था। इस वर्ष के अब तक के आंकड़ों के आधार पर विभाग 50 प्रतिशत ही काम पूरा कर सका है। प्रथम डिलेवरी वाली 35165 व दूसरी बार भी बेटी को पैदा करने वाली 13594 का टारगेट विभाग को दिया गया है, जिसमें से अब तक कुल 15066 को लाभ मिला है।
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