इंदौर। इंदौर (Indore) शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव (Devendra Singh Yadav) ने बताया कि अक्षय बम (Akshay Bomb) ने कांग्रेस पार्टी (Congress Party) एवं कांग्रेस के नेताओं (Leaders) पर जो आरोप (Allegations) लगाए हैं जिसको यादव ने नकारते हुए खंडन किया है। कि अक्षय बम झूठ बोल रहा हैं, कि कांग्रेस के नेताओं के असहयोग के कारण उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है। यह उनका आरोप बेबुनियाद है, अक्षय बम बहुत पहले से ही भाजपा से गुप्त समझौता कर चुके था और विधानसभा चुनाव परिणाम के 15 दिन बाद ही उसने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ गुप्त बैठक कर ली थी। टिकट मिलने का इंतजार कर रहे था, टिकट मिलते ही केवल दिखावे के लिए ही वह सक्रिय हुआ था, किसी को उसके ऊपर शंका न हो इसलिए दिखावे की भूमिका में सक्रिय था। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शहर एवं जिले की एक बैठक में सभी नेताओं को निर्देश दिए थे की ताकत से अक्षय बम का चुनाव में काम करना है, सभी को अलग-अलग उन्होंने जिम्मेदारियां भी सौपी थी और और पटवारी ने स्वयं अलग-अलग काम करने के निर्देश सभी को दिए थे, लगातार इंदौर शहर और जिले के नेताओं से एवं कार्यकर्ताओं से वह मोबाइल फोन पर प्रतिदिन बात कर रहे थे और प्रतिदिन जो है सभी को सक्रिय रहने के निर्देश दे रहे थे।
यादव ने बताया है कि मैंने स्वयं घोषणा की थी की सभी 85 वार्डों में अलग-अलग जनसंपर्क करूंगा और बस्तियों, बाजारो के साथ ही गली-मोहल्ले में जाऊंगा, मैं स्वयं 24 घंटे में से 18 घंटे और सभी कांग्रेसजन अक्षय बम के लिए घर-घर, बाजार, चौपाटिया, बस्तियों में प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से जनसंपर्क के लिए निकल जाते थे, एक लाख कांग्रेस के गारंटी कार्ड और उनके पेमप्लेट जनसंपर्क के दौरान घर-घर पहुंचाएं गए थे।
यादव ने बताया है की वहीं शहर कांग्रेस व जिला कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ ही सभी विधानसभा के प्रभारी, सभी विधानसभा के प्रत्याशी, सभी नगर निगम के हारे-जीते पार्षद एवं प्रत्याशी, ब्लॉक व मंडलम अध्यक्ष, सेक्टर एवं सभी नेता एवं कांग्रेस कार्यकर्ता सक्रिय थे, सभी विधानसभाओं मे अलग-अलग सम्मेलन आयोजित हो चुके थे, सभी ब्लॉक, पार्षद प्रत्याशी, सभी मोर्चा संगठन व प्रकोष्ठों की अलग-अलग बैठकर लगातार हो रही थी, साथ ही लगातार जनसंपर्क चल रहा था सभी कार्यकर्ता सक्रिय थे। जबकी अक्षय बम खुद दिखावे के लिए सिर्फ सक्रिय थे, की किसी को शंका ना हो जाए, 29 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र वापस लेकर भाजपा में शामिल होने वाले थे। 29 अप्रैल को मैं एवं अन्य कांग्रेसजन के साथ हम चोइथराम मंडी में सुबह 5:30 बजे से जनसंपर्क में थे तब मैंने उनकी घबराहट और पसीने में को देखते हुए मैंने कहा था, कि तुमको पसीना क्यों निकल रहा है बहुत घबराहट में लग रहे हो, तुम कहीं आज अपना नामांकन पत्र तो वापस नहीं ले लोगे, उसने इनकार करते हुए कहा की ऐसी कोई बात नहीं है आप मुझसे मजाक कर रहे हो क्या।
यादव ने बताया है की सुबह 10:30 बजे जनसंपर्क समाप्त हुआ और वे कांग्रेसजनो से नहाने का बोलकर चले गए, फिर सब जानते है की आगे क्या हुआ और जनता भी जनती है बाद मे पता चला की 29 अप्रैल को जब चोइथराम मंडी में जनसंपर्क चल रहा था तभी मुख्य चुनाव कार्यालय श्रम शिविर से उन्होंने सुबह 8:00 बजे ही अपना सभी सामान कुर्सी, कंप्यूटर, कुलर और अन्य सामग्री वहां से गाड़ियों में भरवा लिए थे और वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव आयोग की टीम आने वाली है इसलिए मैं यहां से समान उठा रहा हूं फिर दोबारा रखवा दूंगा, यह कह कर उन्होंने गुमराह किया था।
यादव ने बताया है की उसके द्वारा यह आरोप भी झूठा है कि चुनाव सामग्री सभी कांग्रेसजनों के पास पहुंचा दी थी, सभी चुनाव सामग्री श्रम शिविर में ना रखते हुए उन्होंने भंडारी मिल के पास एक गोदाम में कांग्रेस के गारंटीकार्ड और अन्य सामग्री छुपा रखी थी, किसी भी नेताओं के पास चुनाव सामग्री नहीं पहुंचाई गई थी, में स्वयं उस गोदाम से कांग्रेस के गारंटी कार्ड और पेमप्लेट दो-तीन बार लेकर आया था।
यादव ने बताया है कि उनको प्रत्याशी घोषित होने के बाद भी और मुख्य चुनाव कार्यालय श्रम शिविर में खोलने के बाद भी व्यवस्था नहीं की गई थी, नामांकन वापसी के चार-पांच दिन पहले ही वहां पर कंप्यूटर, कुर्सियों, कुलर की व्यवस्था दिखावे के लिए की रखी गई थी, जो नाम वापसी पर उसी दिन सुबह उठा ली गई।
यादव ने आगे बताया है कि विधानसभा 4 से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने गांधी भवन कांग्रेस कार्यालय के नीचे कमलनाथ मुर्दाबाद के नारे भी लगवाए थे और कमलनाथ जी का पुतला जलवाया था, फिर भी पार्टी ने उस पर विश्वास करते हुए लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर टिकट दिया था, भाजपा नेताओं की रणनीति के तहत केवल लोकसभा टिकट का इंतजार कर रहा और भाजपा की रणनीति के तहत ही केवल सक्रिय था।
यादव ने बताया है की अक्षय बम ने भाजपा से मिलकर कांग्रेस पार्टी की पीठ पर छुरा घोपा है इंदौर के लाखों मतदाताओं, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात कर धोखाकर गद्दारी की है और भाजपा के साथ मिलकर लोकतंत्र की हत्या की है देश, प्रदेश, शहर की जनता एवं कांग्रेसजन इस विश्वासघात, धोखे को याद रखेगे कि अक्षय बम ने इंदौर की माँ अहिल्या जी की नगरी को किस तरह से इंदौर शहर और इस प्रदेश को कलंकित किया है अक्षय बम का नाम भी अब भागीरथ प्रसाद के साथ अन्य विश्वासघाती व धोखेबाजी की सूची में शामिल हो गया है इतिहास में उसका नाम काले अक्षरों लिखा जायेगा और याद किया जाएगा।
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