इंदौर (Indore)। आज राष्ट्रीय डेंगू दिवस (National Dengue Day) मनाया जा रहा है और गनीमत है कि डेंगू के मरीजों के मिलने का सिलसिला भी बंद हो गया है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने अभी निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर डेंगू मरीजों की जानकारी मांगी है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि गत वर्ष इस समय लगभग ढाई सौ डेंगू के मरीज मिले थे। जबकि इस वर्ष जनवरी-फरवरी में कुछ मरीजों की जानकारी सामने आई थी। उसके बाद डेंगू के मरीज मिलना बंद हो गए। वहीं कोरोना भी लगभग समाप्त हो चुका है। वर्तमान में इंदौर में सिर्फ दो मरीज ही उपचाररत हैं। पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने भी कोरोना को वैश्विक महामारी के दायरे से बाहर कर दिया और इसे सामान्य सर्दी-जुखाम, बुखार की बीमारी ही बताया। वहीं लोगों में भी कोरोना का डर पूरी तरह से समाप्त हो गया है और मास्क सहित अन्य एतियात भी नहीं बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी सैम्पलिंग लगभग बंद ही कर दी है।
वहीं इक्का-दुक्का लोग ही निजी प्रयोगशाला में जांच करवाते हैं। प्रदेशभर का जो कोरोना बुलेटिन स्वास्थ्य विभाग रोजाना जारी करता है उसके मुताबिक पूरे प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या मात्र 13 है, जिसमें से इंदौर में सिर्फ दो ही मरीज उपचाररत हैं। यानी एक तरह से कोरोना भी लगभग खत्म हो गया है। वहीं कोरोना के साथ-साथ डेंगू ने भी पिछले साल आतंक मचाया था और बड़ी संख्या में बारिश और उसके बाद गर्मी में लोग डेंगू की चपेट में भी आए। मगर इस साल डेंगू का भी प्रकोप नहीं है। आज चूंकि राष्ट्रीय डेंगू दिवस स्वास्थ्य विभाग द्वारा मनाया जा रहा है। लिहाजा निजी अस्पतालों से पूछा भी है कि डेंगू या उस तरह की संक्रमित बीमारियों के मरीज अगर आ रहे हैं तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। हालांकि पिछले दिनों डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लार्वा नाशक अभियान भी चलाया और लगभग 27 हजार घरों तक टीमें पहुंची, जिनमें से लगभग 600 घरों में लार्वा मिला भी, जिन्हें नोटिस दिया गया और कीटनाशक दवाइयों का छिडक़ाव भी करवाया गया। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी इस तरह की संक्रामक बीमारियों का असर कम है।
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