इन्दौर (Indore)। तीन दिन तक जारी धुंआधार बारिश का असर सिर्फ जनजीवन, शहर, गांवों पर ही नहीं, बल्कि सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ा है। बड़े सरकारी अस्पतालों में जहां तलघरों में पानी भर गया, जिसके कारण मरीजों को ही नहीं, बल्कि पूरे वार्ड को ही दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। पीसी सेठी अस्पताल में पहली बार लगातार कई घंटों तक बिजली गुल रही। इतना ही नहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पानी भर जाने के कारण जहां, टीकाकरण अभियान स्थगित करना पड़ा, वहीं स्वास्थ्य विभाग को डेंगू बुखार के मरीजों के आंकड़ों और ब्लड रिपोर्ट की जानकारी ही नहीं मिल पाई।
पीसी सेठी अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर राजगिर ने बताया कि बारिश के चलते लगभग 16 घंटे बिजली गुल रही, इसलिए जनरेटर चलाकर काम चलाना पड़ा। इस दौरान शनिवार से लेकर रविवार को 4 बजे तक 21 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया गया। इनमें 18 प्रसूति महिलाओं की सामान्य और 3 महिलाओं की ऑपरेशन करके यानि सिजेरियन डिलेवरी कराना पड़ी।
100 मेडिकल बेड का है हॉस्पिटल
स्टाफ के अनुसार पीसी सेठी हॉस्पिटल की क्षमता 100 मेडिकल बेड की है। गायनिक वार्ड में 70, वहीं गम्भीर रूप से पीडि़त नवजात बच्चों के लिए 30 आईसीयू बेड हैं। यह पहला मौका है, जब बिना बिजली के 16 घंटे जनरेटर से काम चलाना पड़ा।
टीकारण अभियान स्थगित
बारिश के चलते 11 सितम्बर से 16 सितम्बर तक टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण स्थगित करना पड़ा, क्योकि जिन 350 सामुदायिक व स्वास्थ्य केंद्रों में टीके लगाए जाने थें, वहां लगभग 40 प्रतिशत टीकाकरण केंद्रों या वहां तक पहुंचने के रास्तों में पानी भर गया था। इसलिए जिन्हें शनिवार को टीके नहीं लगे हैं, उन्हें आज टीके लगाए जाएंगे।
जनरेटर सिस्टम ठप होने का डर
प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि इन परिस्थितियों में जनरेटर ने बहुत साथ दिया, मगर हमें यह डर भी लग रहा था, क्योंकि जनरेटर का इस्तेमाल इमरजेंसी में कुछ ही घंटों के लिए होता है। लगातार 16 घंटे तक चलाने से जनरेटर सिस्टम के ठप होने का भी खतरा मंडरा रहा था। इस दरमियान जनरेटर को लगभग 50 लीटर डीजल पिलाना पड़ा। इस बीच अचानक 2 प्रसूता महिलाओं को आईसीयू से एमटीएच हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की भी नौबत आई, मगर ऐनवक्त पर बिजली सप्लाई शुरू हो गई। इस वजह से रैफर करने का प्लान स्थगित करना पड़ा।
हाईटेंशन लाइन से ही विद्युत सप्लाई बन्द रही
हॉस्पिटल में 16 घंटे तक बिजली गुल रहने के मामले में विद्युत कम्पनी के अफसरों का कहना है कि सेठी हॉस्पिटल का एचटी कनेक्शन है। धुंआधार बारिश के चलते हाईटेंशन लाइन से ही सप्लाई बन्द हो गई थी। इस वजह से इतने घंटे विद्युत सप्लाई बाधित रही।
नई बिल्डिंग का फायदा मिला मरीजों को
कलेक्टर की सजग निगरानी और बार-बार निरीक्षण की वजह इस बार जिला अस्पताल पर धुंआधार बारिश का असर नहीं हुआ। यहां तमाम व्यवस्थाएं बिना किसी व्यवधान या परेशानी के चलती रहीं, क्योंकि इस साल महिला दिवस पर निर्माणाधीन जिला अस्पताल की एक मंजिल में कलेक्टर ने गायनिक वार्ड सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं शुरू करवा दी थी, जिसका फायदा इस मौसम की जोरदार बारिश में नजर आया।
डेंगू सम्बन्धित रिपोर्ट नहीं मिल पाई
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 14 अगस्त तक डेंगू बुखार से पीडि़त मरीजों की संख्या 124 थी, मगर बारिश के चलते स्वास्थ्य विभाग को डेंगू बुखार के नए मरीजों की संख्या और संदिग्ध मरीजों की ब्लड रिपोर्ट नहीं मिल पाई। मलेरिया अधिकारी के अनुसार रिपोर्ट आज मिलने की संभावना है।
बेसमेंट से बर्न यूनिट और कुष्ठ वार्ड में शिफ्ट
बारिश के चलते एमवाय हॉस्पिटल के बेसमेंट में घुटने-घुटने पानी भर जाने के कारण कैदी वार्ड को ओल्ड बर्न यूनिट में, वहीं सहारा वार्ड के निराश्रित मरीजों को कुष्ठ वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा।
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