अग्निबाण इम्पैक्ट… योजनाओं में शामिल की जाने वाली जमीनों पर अभिन्यास मंजूरी के खेल का किया था भंडाफोड़, प्राधिकरण बोर्ड बैठक में 1170 हेक्टेयर की 5 टीपीएस योजनाओं पर बनी सहमति
इंदौर, राजेश ज्वेल
प्राधिकरण (IDA) की बोर्ड बैठक (Board Meeting) में कल 15 किलोमीटर लम्बे निर्मित होने वाले अहिल्या पथ (Ahilya Path) के लिए 5 टीपीएस योजनाओं (5 TPS Plans) को मंजूरी दी गई, जिसे अब शासन को भेजा जाएगा, साथ ही 1170 हेक्टेयर जमीनों का खसरा प्लान भी तैयार कर नोटिफिकेशन (Notification) होगा। पिछले दिनों अग्निबाण (Agniban) ने इन योजाओं में शामिल होने वाली जमीनों पर 40 से अधिक अभिन्यासों की मंजूरी का भंडाफोड़ किया था, जिस पर कल बोर्ड बैठक में भी चर्चा हुई और यह तय किया गया कि जो अभिन्यास मंजूर हुए हैं, उन्हें किस तरह निरस्त किया जा सकता है, उसके विकल्पों पर भी मंथन किया जा रहा है, क्योंकि जमीनी जादूगर कोर्ट-कचहरी भी करेंगे और शासन स्तर पर भी दबाव-प्रभाव बनाएंगे ही। फिलहाल इन मंजूर अभिन्यासों के मुताबिक विकास कार्य न होने तथा नगर निगम को भी पत्र लिखकर मंजूरी न देने का निर्णय लिया गया है।
100 एकड़ से अधिक जमीनों पर नगर तथा ग्राम निवेश ने ये अभिन्यास मंजूर कर दिए हैं। लिहाजा 6 माह में मंजूर अभिन्यासों की जांच कर उन्हें निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय कल बोर्ड बैठक में लिया गया। दरअसल, 9 जुलाई को पिछली बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें अहिल्या पथ निर्माण के लिए 5 टीपीएस योजनाओं को अमल में लाने पर सैद्धांतिक सहमति भी बनी और उसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने एक आदेश जारी कर इन योजनाओं में शामिल गांवों के अभिन्यासों की मंजूरी पर रोक भी लगा दी। मगर अग्निबाण ने मंजूर अभिन्यासों का खुलासा करते हुए विस्तृत खबर का प्रकाशन किया, जिसमें किन-किन जमीनी जादूगरों ने ये अभिन्यास मंजूर करवाए उसकी भी जानकारी उजागर की गई, जिसके चलते संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी भौंचक भी हुए और उन्होंने कल निर्णय लिया कि 9 जुलाई से पहले 6 माह में इन जमीनों पर कुल कितने अभिन्यास मंजूर किए गए हैं, उनकी जानकारी नगर तथा ग्राम निवेश से ली जाए, साथ ही अगर नगर निगम से विकास अनुमति प्राप्त नहीं की गई है तो धारा 31 में संभागायुक्त के समक्ष अनुज्ञा निरस्त करने की अपील प्रस्तुत की जाए, साथ ही आयुक्त निगम को पत्र लिखकर इन योजनाओं में शामिल जमीनों पर किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति जारी न करने का भी कहा जा रहा है। कल बोर्ड बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अजय श्रीवास्तव, सीईओ प्राधिकरण आरपी अहिरवार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अहिल्या पथ में शामिल एपी-1 में नैनोद, जम्बुड़ी हब्सी और रिजलाय की 157.669 हेक्टेयर जमीन शामिल की गई है, तो एपी-2 में जम्बुड़ी हब्सी, बुड़ानिया, पालाखेड़ी और बड़ा बांगड़दा की 286.046 हेक्टेयर जमीन शामिल है। इसी तरह एपी-3 में बड़ा बांगड़दा, बुड़ानिया और पालाखेड़ी की 204.554 हेक्टेयर जमीन, एपी-4 में लिम्बोदागारी, बड़ा बांगड़दा और पालाखेड़ी की 350.073 हेक्टेयर जमीन और एपी-5 में लिम्बोदागारी, बरदरी, रेवती और भौंरासला की 172.558 हेक्टेयर, इस तरह कुल 1170 हेक्टेयर जमीन, जो कि 3 हजार एकड़ होती है, इन पांचों योजनाओं में शामिल की गई है।
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