नारायण कोठी से मालवा मिल होते हुए कुलकर्णी भट्टा के साथ-साथ गोम्मटगिरि, गांधी नगर, नेमावर रोड के प्रस्ताव अधर में
इन्दौर। नगर निगम द्वारा एक साल पहले शहर के कई प्रमुख मार्गों पर सेंट्रल लाइटिंग किए जाने के प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेजे गए थे, मगर मंजूरी मिलने के बावजूद काम शुरू नहीं हुए। निगम की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल होने के चलते करीब 10 से 12 सडक़ों के मामले अटके पड़े हुए हैं और इन पर करीब 8 करोड़ की राशि खर्च होना थी।
नगर निगम द्वारा शहर के कई वार्डों में एलईडी लाइट लगाने का काम पूरा कर लिया गया था। उसके बाद दूसरे चरण में कई स्थानों पर सेंट्रल लाइटिंग लगाने के मामले शामिल थे, जिनके प्रस्ताव तैयार कर अफसरों ने मंजूरी के लिए भेजे थे। प्रस्ताव मंजूर तो हो गए, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाए, क्योंकि करीब 8 करोड़ की राशि से यह कार्य होना था और कई फर्मों का भुगतान बकाया होने के चलते वे भी काम हाथ में लेने से आनाकानी करती रहीं। इसी के चलते कई महत्वपूर्ण सडक़ों पर सेंट्रल लाइटिंग के प्रोजेक्ट उलझकर रह गए हैं और वहां अब आने वाले दिनों में काम शुरू कराए जाने की बात अफसर कह रहे हैं। वैसे शहर में हर वार्ड में एलईडी और सेंट्रल लाइटिंग लगाने के काम जैसे-तैसे पूरे कर लिए गए थे।
इन सडक़ों पर लगना थी सेंट्रल लाइटिंग
निगम अधिकारियों के मुताबिक सेंट्रल लाइटिंग के कार्य शहर और ग्रामीण क्षेत्र को जोडऩे वाली सडक़ों पर किए जाने थे। इनमें नारायण कोठी से मालवा मिल होते हुए कुलकर्णी भट्टा पुल तक सेंट्रल लाइटिंग के कार्य, गोम्मटगिरि रोड से गांधीनगर रोड और फोरलेन के हिस्से में सेंट्रल लाइटिंग की जाना थी। स्कीम नंबर 103 की कई प्रमुख सडक़ों पर और नेमावर रोड से बायपास के हिस्से तक सेंट्रल लाइटिंग के कार्य किए जाना हैं, जो प्रस्तावों में ही हैं। इसके अलावा बिचौली और कुछ अन्य क्षेत्रों के आसपास भी प्रमुख सडक़ों पर सेंट्रल लाइटिंग के मामले उलझन में हैं।
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