पाटनीपुरा, एलआईजी, रेसकोर्स रोड, रसोमा सहित कई सडक़ों के चल रहे पेंचवर्क का किया परीक्षण
इंदौर। शहरभर (Indore) में गड्ढेदार (potholed) और उखड़ी सडक़ों (rough roads) की मरम्मत करवाई जा रही है और डामरीकरण (Asphalting) के साथ-साथ व्हाइट टॉपिंग (White Topping) का प्रयोग भी पहली बार किया जा रहा है। आयुक्त शिवम वर्मा ने चल रहे पेंचवर्क और डामरीकरण के कार्य की गुणवत्ता जांचने के निर्देश दिए, जिसके चलते कल से यह जांच सडक़ों पर शुरू की गई। पाटनीपुरा से एलआईजी, रसोमा, रेसकोर्स रोड सहित अन्य सडक़ों पर चल रहे डामरीकरण की अब लगातार जांच होगी। कल की गई जांच में कहीं कोई गड़बड़ी ना मिलने की जानकारी भी निगम ने दी है।
इस बार बारिश का सिलसिला देर तक चलता रहा और नवरात्रि से लेकर दशहरे के बाद तक बारिश हुई, जिसके चलते नगर निगम पेंचवर्क का काम जल्दी शुरू नहीं करवा पाया। नतीजतन शहर की अधिकांश सडक़ें गड्ढामय और क्षतिग्रस्त हो गई। अभी भी प्रमुख सडक़ों के अलावा गली-मोहल्ले, कॉलोनियों की सडक़ों के हाल तो खराब ही हैं। निगम के जनकार्य प्रभारी राजेन्द्र राठौर का कहना है कि इस बार डामरीकरण और पेंचवर्क के कार्य में भी ठेकेदारों से गारंटी ली गई है और वर्षभर उन्हें रख-रखाव भी करना पड़ेगा। साथ ही पहली बार सीमेंट कांक्रीट की सडक़ों पर भी व्हाइट टॉपिंग कराई जा रही है, जिसका प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। दूसरी तरफ मास्टर प्लान की सडक़ों का निर्माण भी निगम करवा रहा है। हालांकि दो बार टेंडर निरस्त करना पड़े और अभी तीसरी बार भी फिर से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। वहीं डामर की जो सडक़ें पूरी तरह से उखड़ गई उनका डामरीकरण भी चल रहा है। सुबह से देर रात तक और जिन सडक़ों पर अधिक यातायात है वहां रात में भी यह कार्य चल रहा है। दूसरी तरफ पेंचवर्क और डामरीकरण के कार्य की आयुक्त ने समीक्षा की और साथ ही चल रहे पेंचवर्क और डामरीकरण की गुवत्ता जांचने के निर्देश भी दिए गए, जिसके चलते उपयंत्री सुश्री मोनिका नेहलानी ने कल कुछ सडक़ों की जांच भी की, जिसमें झोन क्र.9 में पाटनीपुरा चौराहा से एलआईजी चौराहा तक चल रहे डामरीकरण के साथ ही रसोमा, रेसकोर्स रोड सहित अन्य सडक़ों की गुणवत्ता भी देखी गई। उपयंत्री सुश्री नेहलानी का कहना है कि अभी तो गुणवत्ता अच्छी पाई गई है और डामर का जो टेम्प्रेचर होना चाहिए वह भी पाया गया है। दिन के साथ-साथ कल रात को भी उन्होंने चल रहे पेंचवर्क के कार्यों की मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की है और आयुक्त के निर्देशानुसार जितनी भी सडक़ों पर पेंचवर्क और डामरीकरण किया गया है उन सभी की गुणवत्ता की जांच इसी तरह की जाएगी।