इंदौर (Indore)। लसूडिय़ा क्षेत्र में एक नाबालिग को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप की घटना को लेकर देर रात तक लसूडिय़ा थाने में पीडि़ता के बयान हुए, जिसमें साफ हुआ कि नाबालिग के साथ रेप तो हुआ, लेकिन रेप करने वालों के जो नाम बताए जा रहे थे, वह असली मुलजिम नहीं हैं। दरअसल इस कहानी के पीछे ब्लैकमेल व षड्यंत्र करने का किस्सा सामने आया, जिसका पुलिस आज खुलासा करेगी।
कल लसूडिय़ा थाने में एक 15 साल की पीडि़ता ने शिकायत की थी कि उसे फैजल, जीतू और राहुल कार से बांबे अस्पताल की तरफ लेकर गए और उसके साथ गैंगरेप करने के बाद निपानिया वाइन शॉप के पास फेंककर चले गए। उसके बाद कुछ लोगों की उस पर नजर पड़ी तो उसकी मदद की। पीडि़ता ने घबराहटवश जो नाम बताए उसके आधार पर पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में भी लिया था। साथ ही पीडि़ता का मेडिकल भी कराया। हालांकि नाबालिग के साथ दुष्कर्म तो हुआ यह तो उसकी हालत देखकर लग रहा था, लेकिन आरोपियों को लेकर संदेह प्रतीत हो रहा था।
पुलिस ने पीडि़ता के 164 के बयान भी करवाए, लेकिन इस दौरान नई बात निकलकर सामने आई। बयानों में पहले सामने आया कि जिन तीन युवकों के नाम बताए जा रहे हैं उनमें एक को किसी षड्यंत्र के तहत उलझाया गया है। बाद में यह भी साफ हो गया कि जिस दूसरे युवक का रेप में नाम बताया जा रहा है उसे भी फंसाया जा रहा है। देर रात तक पुलिस की जांच में कई बिंदु सामने आए। डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया कि तीसरे आरोपी को लेकर संयश है, जिसके बारे मेें भी पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक की जांच में पीडि़ता की हालत और मेडिकल परीक्षण की स्थिति को देखते हुए उसकी शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म सहित गभीर धाराओं में केस भी दर्ज किया है, लेकिन रेप में मुख्य मास्टरमांइड कोई और है। एक षड्यंत्र के तहत ब्लैकमेल करने के लिए यह कहानी रची गई और गलत नाम बताए गए।
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