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    INDORE: संस्थाओं के विवादित भूखंडों का फैसला समितियां करेंगी

  • July 16, 2021

    • कुछ संघर्ष समितियां भूमाफियाओं का साथ देने में जुटीं… भडक़े कलेक्टर, पीडि़तों को कब्जे दिलवाने की प्रक्रिया फिर शुरू

    इंदौर। अभी कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (second wave) का फायदा भूमाफियाओं (land mafia) ने भी उठाया और वे जोड़-तोड़ में जुट गए। यहां तक कि कुछ संघर्ष समितियों को भी अपने दबाव-प्रभाव में लेना शुरू कर दिया। कल शाम रेसीडेंसी (residency) पर प्रशासन ने गृह निर्माण संस्थाओं ( home construction institutions) के खिलाफ फिर से मुहिम शुरू करने को लेकर बैठक बुलाई, जिसमें कुछ संस्थाओं की संघर्ष समितियों पर कलेक्टर (collector) भडक़े भी और दो टूक कहा कि जो पात्र सदस्य हैं उन्हें ही भूखंडों का कब्जा दिलवाएंगे और जो बोगस संस्थाएं बनी है उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। दरअसल, सन्नी और रजत गृह निर्माण संस्था ( home construction institutions) की श्रीकृपा कालोनी पर कृपा दिखाने की कोशिश कुछ संघर्ष समिति के सदस्यों ने की, जिस पर विधायक प्रतिनिधि भी नाराज हुए। यह भी तय किया गया कि संस्थाओं के विवादित भूखंडों का फैसला निर्वाचित समितियां करेंगी। अभी मजदूर पंचायत, देवी अहिल्या, न्याय नगर सहित अन्य संस्थाओं की आमसभा और फिर चुनाव करवाने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।


    अभी जनवरी-फरवरी में जमीनों के महाघोटालों की जांच जोर-शोर से शुरू करवाई और मुख्यमंत्री चौहान ने भी इंदौर की कार्रवाई की जमकर सराहना की और पूरे प्रदेश के लिए उसे मॉडल भी बताया। अयोध्यापुरी, पुष्प विहार, श्री महालक्ष्मी नगर में पीडि़तों को कब्जे भी दिए गए, जहां पर बाउण्ड्रीवाल और मकानों का निर्माण भी शुरू हो गया है, लेकिन इसी बीच मार्च के बाद कोरोना की दूसरी लहर (second wave) का प्रकोप बढऩे और फिर लॉकडाउन के चलते यह पूरी प्रक्रिया ठप हो गई। अब फिर से इन दागी संस्थाओं की जांच और पीडि़तों को न्याय दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। रेसीडेंसी (residency) पर कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) ने कल समीक्षा भी की। विधायक महेन्द्र हार्डिया, उनके प्रतिनिधि राजेश उदावत, अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर, उप पंजीयक सहकारिता मदन गजभिये, नगर तथा ग्राम निवेश सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। एसडीएम अंशुल खरे को बिना बताए छुट्टी पर जाने पर फटकार भी लगाए और एसडीएम अक्षयसिंह मरकाम और तहसीलदार सुदीप मीणा को भी फटकार पड़ी। वहीं श्री महालक्ष्मी नगर के डी सेक्टर में भूखंड पहले उपलब्ध करवाने की मांग संघर्ष समिति के सदस्यों ने की, तो कलेक्टर बोले कि पहले ए, बी और सी सेक्टर के कब्जे पूरे दिलवाए जाएंगे। फिर डी सेक्टर का नम्बर आएगा, क्योंकि इसमें कई मकान भी बने हैं और कोर्ट-कचहरी चल रही है। इसके चलते पूरी प्रक्रिया ही ठप हो जाएगी। कम से कम जिन भूखंडों पर विवाद नहीं है उनके कब्जे तो पीडि़तों तो मिल जाएं। वहीं कुछ सदस्यों ने सन्नी, रजत गृह निर्माण की पैरवी शुरू कर दी, जिसकी श्री कृपा कालोनी है और रंगून गार्डन भी कलेक्टर (collector) ने हटवाया था। इन कागजी संस्थाओं के सदस्यों को कोई भूखंड प्रशासन नहीं देना चाहता है, मगर कुछ लोग भूमाफियाओं की पैरवी करने लगे। विधायक प्रतिनिधि राजेश उदावत भी इस पर नाराज हुए और बोले कि वाजिब सदस्यों को ही भूखंड दिलवाए जाएंगे।

    721 कब्जा पत्र सौंपे… 495 ने बनाई बाउण्ड्रीवॉल
    अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) में तो अधिकांश भूखंडों पर बाउण्ड्रीवाल बन चुकी है और कई पर मकानों का निर्माण भी हो रहा है। वहीं पुष्प विहार कालोनी में 1158 भूखंडों में से अभी तक 721 में कब्जे-पत्र सौंपे जा चुके हैं, जिसके आधार पर 495 पीडि़तों ने बाउण्ड्रीवाल का निर्माण भी कर लिया है। अब शेष के लिए सीमांकन करवाया जा रहा है। श्री महालक्ष्मी नगर में भी शिविर लगाकर कब्जे दिलवाने की कार्रवाई जारी रहेगी और इसके साथ ही जागृति संस्था की राजगृही में भी पुराने नक्शे के आधार पर ही कब्जे दिलवाने की बात कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) ने कही है।

    महू जाकर किया पुष्प विहार पीडि़तों ने सम्मान

    महू के एसडीएम अभिलाष मिश्रा को कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) ने पुष्प विहार में कब्जे दिलवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी और यह जिम्मेदारी श्री मिश्रा ने पूरी ईमानदारी से निभाई भी। अभी शासन ने उनका तबादला कर दिया है, जिसके चलते पुष्प विहार रहवासी संघ के सदस्यों ने महू जाकर उनका सम्मान किया। रहवासी संघ के एनके मिश्रा का कहना है कि असल भूखंडधारकों को उनकी छत और उनके मकान का सपना कलेक्टर मनीष सिंह (collector Manish Singh) ने पूरा करवाया और महू एसडीएम अभिलाष मिश्रा ने भी रहवासी संघ का पूरा सहयोग किया। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का रहवासी संघ ने आभार प्रकट किया।

    संघवी को मिली जमानत पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
    सुरेन्द्र और उनके पुत्र प्रतीक संघवी को पिछले दिनों हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिसके खिलाफ शासन की अनुमति के बाद पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुनवाई याचिका दायर की है। इस पर आज सुनवाई होना है। लिहाजा सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और फिर फैसले पर टिकी है। अयोध्यापुरी (Ayodhyapuri) की जमीन के मामले में संघवी सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, हालांकि इसी मामले में पहले भी एक बार प्रकरण दर्ज हो चुका है, इसलिए एक प्रकरण में दो बार मुकदमों को लेकर हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन असंतुष्ट प्रशासन ने जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। प्रशासन द्वारा चलाए गए भूमाफिया अभियान में कई लोग हिरासत में लिए गए, जबकि सबसे चर्चित भूमाफिया (land mafia) दीपक मद्दा तो अभी तक फरार ही है।


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