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इंदौर : 1 अप्रैल से कलेक्टर-कमिश्नर कार्यालय की फाइलें ऑनलाइन

March 16, 2025

तीन माह पहले लिया निर्णय अब लागू होगा

इंदौर। शहर (Indore) के सभी शासकीय कार्यालयों (Government Offices) में अब कागज-पत्री (paperwork) का काम समाप्त होने जा रहा है। शासन के निर्देश पर 1 अप्रैल से कमिश्नर और कलेक्टर (Collector) कार्यालय के सभी कामकाज ऑनलाइन होंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा की जा रही शिकायत या आवेदन को कम्प्यूटर पर चढ़ाया जाएगा और उस संबंध में निर्धारित समय में कार्यवाही की पल-पल की रिपोर्ट दर्ज होगी। इन फाइलों का निराकरण भी ऑनलाइन किया जाएगा।



मध्य प्रदेश शासन ने 1 जनवरी को ही प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्षों, संभागआयुक्त, कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए थे कि सभी विभागों के कार्यालय, जिला एवं संभाग स्तर पर ई-ऑफिस परियोजना आवेदन, शिकायतें ऑनलाइन दर्ज की जाए, लेकिन तैयारियों में वक्त के चलते अब 1 अप्रैल से किसी भी कलेक्टर व संभाग के सरकारी दफ्तरों में ऑफ लाइन काम नहीं किया जाएगा, जिसके लिए संभाग आयुक्त कार्यालय के बाद कलेक्टर के बाबू के दलों को ई ऑफिस प्रणाली सिखाई जा रही है, जिसके लिए सभी जिम्मेदारों की सरकारी ईमेल आईडी बनाई जा रही है।

आम जनता के आवेदनों और सरकारी फाइलों को भी लंबे समय से दबा कर रखने वाले अधिकारियों और बाबुओं की अब नहीं चल सकेगी। मध्य प्रदेश शासन ने प्राइवेट कॉर्पोरेट ऑफिसों की तर्ज पर सरकारी महकमें की कार्य प्रणाली को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोडऩे की तैयारी कर ली है। किसी भी तरह की फाइलें और आवेदन, आवेदकों के निर्णय एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर अब ई-मेल पोर्टल के माध्यम से जाएंगे। अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग सचिन्द्र राव के जारी निर्देश के अनुसार मध्यप्रदेश मंत्रालय स्तर पर सभी विभागों में 1 जनवरी 2025 से ई-ऑफिस कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करते पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है। द्वितीय चरण में 31 जनवरी तक विभागाध्यक्ष कार्यालयों में भी काम पूरा कर लिया गया है। अब तृतीय चरण में 31 मार्च तक प्रदेश के समस्त जिलों,संभागों में पूर्णत: ई-ऑफिस कार्यप्रणाली लागू कर दी जायेगी। इंदौर जिला कलेक्टर कार्यालय में पिछले दो दिनों में दो दलों का प्रशिक्षण आयोजित किया। 22 बाबू को पहले पहले चरण में प्रशिक्षित किया गया है और उनकी सरकारी ईमेल आईडी भी बनाई जा रही है।

जिला स्तर पर भी हो चुकी है कोशिश
तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा ने विभागीय कामों में तेजी लाने और फाइलों को लंबे समय तक लंबित रखने वालों को कड़वी घुट्टी पिलाते हुए समन्वय पोर्टल जारी किया था, जिसके माध्यम से विभाग काम कर रहे थे। वर्तमान कलेक्टर आशीष सिंह ने सुशासन पोर्टल पर विभागों के काम में कसावट लाने के लिए जारी किया है । अब शासन ने इन सभी विभागों को एक सूत्र में बंटे हुए आई ऑफिस प्रणाली जारी की है। इंदौर जिले में ई आफिस के कार्यान्वयन के लिए जिला पंचायत सीईओ को नोडल बनाया गया है।

डेमो आईडी पर दे रहे प्रशिक्षण
सबसे पहले कलेक्टर कार्यालय के कार्य इस प्रणाली से कराए जाएंगे, उसके लिए पहले दौर में 22 बाबुओं को काम करना सिखाया गया है। अब हर डिपार्टमेंट को अलग अलग फेज में इस प्रणाली की जद में लाया जा रहा है। मध्य प्रदेश शासन विभाग ने डेमो आईडी बनाकर भी बाबुओं से प्रेक्टिस करवाना शुरू कर दिया है। प्रेक्टिस खुद करके देखो ओर सीखो की तर्ज पर ट्रेनिंग चल रही है। ज्ञात हो कि अब आवेदन ओर फ़ाइले ऑन लाइन ही चलेंगी । सरकारी ई-मेल आईडी पर लंबित दिखने के चलते अब जिम्मेदार पल्ला नही झाड़ पाएंगे। हर बाबू अधिकारी और कलेक्टर की आईडी बनाई जा रही हैं, ताकि पता चला सके कि कौन-सा आवेदन कहां पर पेंडिंग है।

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