इंदौर। धर्मांतरण मामले में थाने में जो रिपोर्ट लिखाई है गई उसके अनुसार फरियादिया शालिनी कौशल का कहना है कि मां रानी और पिता राकेश उसे नानी के घर ले जाने का बोलकर घर से लेकर उक्त जगह लेकर आए थे। यहां आते ही कुछ लड़कियों ने खीच लिया और मारपीट करने लगी। एक हॉल में जबरदस्ती बैठा दिया। मंच पर एक धर्म विशेष के गाने बज रहे थे। मुझे नाचने को कहा गया। वे बोल रहे थे धर्म बदलवा रहे है। अब तुम्हारी सारी समस्याए दूर हो जाएगी। मेरे अलावा भी यहां कई महिलाएं और पुरुष थे जो मेरे तरह बरगलाकर लाए गए थे। उन्हें हॉल में मौजूद गणेश निमामा, लवीना, हेमंत, कांता, शांति, मनीष विपिन, जितेंद्र और रूबीना कह रहे थे कि अब तुम्हारे सारे दुख दर्द दूर होने वाले है। तुम जिसकी शरण में जाने वाले हो वे तुम्हें चंगा कर देंगे। शालिनी ने एफआईआर में यह भी लिखवाया कि जब वह वहां से उठकर जाने लगी तो वे कहने लगे कि यहां सिर्फ आने की परमिशन है, जाने की नही।
मेरी हिंदू धर्म में आस्था…
शालिनी का कहना है कि वह हिंदू धर्म में जन्मी है। हिंदू धर्म का पालन करती आई है। हिंदू धर्म के भगवानों के अलावा किसी अन्य धर्म के भगवान में दिलचस्पी नही हैं। मां-बाप जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करा रहे थे।
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