- राघौगढ़ की कम्पनी को मिलना है ठेका
- सालों से अधूरी पड़ी है सांवेर रोड स्थित नई जेल
- 4 हजार से अधिक कैदियों की रहेगी क्षमता, मंत्री ने की समीक्षा
इंदौर। बीते कई सालों से सांवेर रोड (Sanwer Road) स्थित नई सेंट्रल जेल (New Central Jail) अधूरी पड़ी है। पिछले दिनों शासन ने 217 करोड़ रुपए की मंजूरी भी बचे कार्यों को पूरा करने के लिए दे दी, जिसके चलते लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) ने टेंडर बुलवाए, जिसमें 8 फर्मों ने हिस्सा लिया और राघौगढ़ की वीवीसी रियल इन्फ्रा कम्पनी (VVC Real Infra Company) ने सबसे कम दरों के टेंडर भरे हैं। 168 करोड़ का यह टेंडर अभी शासन स्तर पर मंजूर होना है। उसके बाद दूसरे चरण का काम शुरू होगा। 60 बिस्तरों का हॉस्पिटल भी बनेगा। वहीं 4 हजार से अधिक कैदियों की क्षमता रहेगी। थर्ड जेंडर के लिए भी अलग से बैरक बनाई जाएगी। कल मंत्री ने भी सेंट्रल जेल के किए जाने वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा की।
20 साल से अधिक का अरसा हो गया, जब सेंट्रल जेल का शुभारंभ सांवेर रोड की टेकरी पर किया था। पहले हाउसिंग बोर्ड को इसके निर्माण का जिम्मा सौंपा गया और बदले में मौजूदा सेंट्रल जेल की जमीन दी जाना थी। बाद में हाउसिंग बोर्ड से काम ले लिया गया और तब से ही जेल अधूरी है, जिसे अब पूरा किया जाएगा। पिछले दिनों ही शासन ने 217 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की। 50 एकड़ में यह सेंट्रल जेल बनना है। लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री भवन निर्माण अजय यादव के मुताबिक पिछले दिनों टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई, जिसे मंजूरी के लिए भोपाल मुख्यालय भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि 8 फर्मों ने हिस्सा लिया और राघौगढ़ की फर्म ने सबसे कम दरों का टेंडर भरा है, जिसकी राशि लगभग 168 करोड़ रुपए है। हालांकि इसके अलावा कुछ अन्य कार्य भी लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाएंगे और उम्मीद है कि अब जल्द ही जेल का ठप पड़ा काम फिर से शुरू हो सकेगा। कल जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सेंट्रल जेल निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने जेल के द्वितीय फेस के तहत होने वाले निर्माण कार्यों के संबंध में जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने जेल एवं उसके परिसर में जल आपूर्ति के लिए तालाब निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जल आपूर्ति के लिए सम्पवेल निर्माण के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस जेल के खुली जेल का प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि निर्माणाधीन जेल अत्याधुनिक क्षमता वाली जेल बन रही है। जेल परिसर के बाहर अतिक्रमण की शिकायतें मिलने के संबंध में उक्त अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने जेल निर्माण के सभी कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता और समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने भविष्य के मदद्देनजर मुख्य मार्ग से जेल तक के एप्रोच रोड निर्माण के निर्देश भी दिए। इस जेल के द्वितीय फेस के निर्माण को गति देने के संबंध में मंत्री श्री सिलावट ने एसीएस पीडब्ल्यूडी श्री के.सी. गुप्ता से निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में पूर्ण कराये जाने संबंधित चर्चा दूरभाष पर की। समीक्षा बैठक में जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर, कार्यपालन यंत्री भवन निर्माण श्री अजय यादव सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि सांवेर विधानसभा क्षेत्र में इन्दौर-उज्जैन मार्ग पर मध्यप्रदेश की अत्याधुनिक जेल का निर्माण हो रहा है। इस जेल के प्रथम फेस में करीब 60 करोड रूपये की लागत से एडमिशन ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, जी टाइप एवं एच टाइप क्वार्टर का निर्माण हुआ है।