अस्पतालों में चस्पा होंगे नियम व सजा का प्रावधान, पैनिक बटन और थानों से कनेक्टिविटी भी तय होगी
इन्दौर। 100 बिस्तरीय निजी व सरकारी (private and government) अस्पतालों (Hospitals) में डाक्टरों (Doctors) की सुरक्षा पर मुख्यमंत्री (CM) के नियम अनुसार न केवल दीवारों पर नियम-कानून चस्पा किए जाएंगे, बल्कि 360 डिग्री कवर करने वाले सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) भी लगेंगे। अंधेरे कोनों को रोशन करने के लिए जहां जिला प्रशासन, नगर निगम से लाइटिंग लगवाएगा, वहीं पैनिक बटन और थानों से कनेक्टिविटी तय करने के लिए विचार होगा।
कोलकाता में घटी घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर कड़े नियम लागू करने के लिए तैयारी कर रहे है, जिसके लिए उन्होंने सभी कलेक्टरों को अपने-अपने क्षेत्र में स्थित अस्पतालों से उनकी समस्याएं और व्यवस्थाओं को लेकर सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। आज कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक आयोजित की तो लंबे समय से दबा डॉक्टरो का गुबार निकल पड़ा। महिलाओं की सुरक्षा, अस्पतालों के पास पुलिस चौकी समय-समय पर मॉक ड्रिल के साथ पैनिक बटन और इंटरनल कमेटी गठित गठित कर जिम्मेदारी सौंपने कि रणनीति पर चर्चा हुई।
यह रहे मुख्य बिंदु
– सभी अस्पतालों में डॉक्टर से दुव्र्यवहार करने और कोलकाता जैसी घटना पर रोक लगाने के लिए नियम कानून को डिस्प्ले करना तय किया गया है। अस्पतालों सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से 360 डिग्री पर नजर रखने के साथ-साथ अंधेरे कोनों को रोशन करने पर सहमति दर्ज हुई । अस्पतालों को समझाइश दी गई की मरीज की मौत होने की सूरत में शव को रोका न जाय।
– विभिन्न अस्पतालों ने अपने-अपने सजेशन भी कलेक्टर को सुनाएं जिसमें मुख्य तौर पर पैनिक बटन जैसी व्यवस्था करने पर जोर दिया गया कलेक्टर ने बताया कि प्रत्येक थाने का शेड्यूल बनकर न केवल बैठक आयोजित की जाएगी बल्कि रोस्टर तय कर मॉक ड्रिल भी सुनिश्चित की जाएगी।
– सिक्योरिटी गार्ड के ट्रेंड ना होने की शिकायत पर कलेक्टर ने कहा कि रिटायर्ड पुलिस मैन, सेना के अधिकरियों को ही अस्पतालों के सिक्योरिटी ठेके देने पर सरकार से चर्चा करेंग । हालांकि कलेक्टर ने अपने स्तर पर अस्पताल को इंटरनल कमेटी गठित कर कंट्रोल रूम बनाए जाने की समझाइश भी दी है।
सरकारी अस्पताल भी सुरक्षित नहीं… मुद्दा उठा
एम वाय अस्पताल परिसर के सुरक्षित नहीं होने का मुद्दा भी बैठक में जूनियर डॉक्टर ने उठाया डॉक्टर ने कहा कि एक टाइम में पूरे अस्पताल में सिर्फ 33 गाड़ी तैनात रहते हैं ।100 गार्ड की ड्यूटी अलग-अलग रोस्टर के आधार पर लगाई जाती है जो कि नाकाफी है। इमरजेंसी चिकित्सा विभाग में अचानक ही मरीज और उनके परिजनों की भीड़ जमा हो जाती है भीड़ के हंगामा करने की सूरत में पुलिस चौकी पर सिर्फ गिने-चुने जवान ही नजर आते हैं। कलेक्टर आशीष सिंह ने होमगार्ड के जवानों को एममाय परिसर में तैनात करने की बात कही वही नगर निगम के या कलेक्टर की तरफ से सीसीटीवी सर्विलांस पर चर्चा में सामने आया। क्रिमिनल और अनैतिक व्यवहार वालों पर नजर कोलकाता में हुई घटना व अन्य घटनाओं से संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने कहा कि इस तरह की घटना में देखा गया है कि आपसी परिचित ही दोषी निकलता है इसलिए अब डॉक्टर अपने अस्पताल में डॉक्टर या वार्ड बॉय या अन्य स्टाफ पर विशेष नजर रखें किसी भी तरह की अनैतिक गतिविधि या इस तरह की मेंटलिटी रखने वाले लोगों की जानकारी पहले से ही थाने पर पहुंचाएं ताकि घटना होने पर सबसे पहले संदिग्धों पर कार्रवाई की जा सके। पीसी सेठी अस्पताल ने भी पुलिस चौकी की मांग
की है।
निजी अस्पतालों का इमरजेंसी कॉलिंग सिस्टम
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट डायरेक्टर यादव वह उनकी टीम ने सजेशन दिया कि एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर इमरजेंसी सिचुएशन के दौरान ग्रुप कॉलिंग कर सभी को सतर्क किया जा सकता है इसी तरह का ग्रुप सभी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों में बनाए जाने की जरूरत है हालांकि इस ग्रुप में पुलिस प्रशासन को भी शामिल रखने की मांग की गई है । जिसे पुलिस कमिश्नर ने सहज स्वीकार कर लिया। कलेक्टर आशिष सिंह के अनुसार विशाखा कमेटियों का गठन प्रत्येक अस्पताल में हुआ है या नहीं इस पर भी संज्ञान लिया जा रहा है। समितियां गठित करवाई जाएगी।
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