तीन फीसदी लाइन लॉस घटाने की कवायद, तीन लाख उपभोक्ता संदिग्ध
इंदौर। बिजली चोरी (electricity thieves), अनियमितता पर लाइन लॉस (Line Loss) कम करने के लिए बिजली कंपनी (electricity company) ने कमर कस ली है। इंदौर-उज्जैन संभाग (Indore-Ujjain division) में तकरीबन 3 लाख उपभोक्ता संदिग्ध नजर आ रहे हैं, जिनके यहां कंपनी के कर्मचारी धावा बोलेंगे। बीते 11 दिनों में 1500 (1500 arrested ) बिजली चोरों को पकड़ा गया है, जिन पर तगड़ा जुर्माना और अधिभार लगाया है।
मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों के सामने लाइन लॉस और वितरण अनियमितता हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। पूर्व और मध्य क्षेत्र की बिजली कंपनियों में तो 30 से 35 फीसदी लाइन लॉस हो रहा है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, यानी इंदौर बिजली कंपनी पर इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में बिजली व्यवस्था का जिम्मा है। यहां पर भी 20 से 22 फीसदी लाइन लॉस अभी भी हो रहा है। एमडी अमित तोमर ने 1 साल में तीन फीसदी लाइन लॉस को कम करने निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जुलाई में बिजली चोर पकड़ो अभियान शुरू किया गया है। बीते 11 दिनों में इंदौर सहित मालवा-निमाड़ के 1500 उपभोक्ताओं के यहां बिजली चोरी के प्रकरण बनाए गए हैं। कंपनी स्तर पर तकरीबन 3 लाख उपभोक्ताओं की बिजली खपत संदिग्ध नजर आ रही है। बिजली कर्मचारी ऐसे उपभोक्ताओं के घर-घर जाकर उपकरण, लोड और खपत का आकलन कर रहे हैं।
कर्मचारियों पर लगाम लगाना चुनौती
बिजली कंपनी के वितरण केंद्र या झोन पर ज्यादातर संविदा और प्राइवेट एजेंसी के इंजीनियर व कर्मचारी काम करते हैं। इन्हें वेतन भी कम मिलता है, जिसके चलते यह तथाकथित वसूली जैसी अनैतिक गतिविधियों में लिप्त हैं। यह कर्मचारी बिजली बिल के अलावा आम उपभोक्ता को परेशान भी करते हैं, जिसकी शिकायतें भी आम बात है। अब बिजली चोर पकड़ो अभियान के अंतर्गत इस तरह के कर्मचारी आम उपभोक्ता की परेशानी का कारण न बनें, यह चुनौती कंपनी के सामने आ रही है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि कोई भी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved