इन्दौर। हादसे में शिकार जिन युवकों क मौत हुई, उनमें सभी छात्र थे। कुछ हायर एज्युकेशन (Higher Education) तो कुछ बॅचलर की डिग्री (Bachelor Degree) के लिए पढ़ाई कर रहे थे। उनमें सोनू रशिया से एमबीबीएस की पढ़ाई कर था। लाकडॉउन लगने के चलते वह घर आ गया था। मार्च में दोबारा जाने की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले ही वह भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गया। उसके पिता किसान (Farmer) हैं। वहीं गोलू उर्फ सूरज डिजिटल मार्केट (Digital Market) सॉफ्टवेयर इंजीनियर(Software Engineer) था। देव उर्फ डिम्पल गुजराती कॉलेज से बीबीए सेकंड ईयर तो छोटू और ऋषि भी किसी प्राइवेट कालेज (Private College)से पढ़ाई कर रहे थे।
मरने वाले ज्यादातर युवक माता-पिता के इकलौटे बेटे थे
बताया जा रहा है कि हादसे में जिन 6 युवकों की मौत हुई है, उनमें चार ऐसे हैं जो अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। सभी युवकों के परिजन को जब हादसे की जानकारी लग उसके बाद से उनका रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन पहले घटना स्थल तलावली चांदा तो बाद में एमवाय (MY Hospital) की मच्र्यूरी के बाहर पहुंचे और वहीं रात बिताई। मोहल्ले वाले भी हादसे की खबर लगने के बाद मच्र्यूरी (Mortuary) में पहुंचे और युवकों के परिजन को ढांढस बांधते हुए देखे गए। एक युवक के परिजन ने रात अधिक होने के चलते जब बेटे को फोन लगाया तो उसका मोबाइल लसूडिय़ा थाने के एक पुलिसकर्मी ने उठाया और हादसे की जानकारी दी। जिन युवकों की मौत हुई, उनमें सोनू, देव, गोलू सहित एक अन्य युवक अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।
टैंकर चालक के खिलाफ ताबड़तोड़ FIR
करीब पौने एक बजे हुए हादसे में टैंकर चालक की लापरवाही साफ नजर आ रही थी, क्योंकि उसने लापरवाहीपूर्वक सड़क पर टैंकर खड़ा कर दिया, जिससे यह हादसा हो गया। पुलिस तत्काल उसके चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर टैंकर को थाने ले गई।
सुंदरकांड के बाद एक-दूसरे को फोन लगाकर चौराहे पर मिले और कार में बैठकर निकल पड़े
हादसे में मारे गए युवक देव और गोलू चचेरे भाई बताए जा रहे हैं। एक अन्य युवक भी उनकी ही गली में रहता था, जबकि एक पास की कॉलोनी में तो दो युवक काफी दूर के रहने वाले थे। कल मालवीय नगर में देव और गोलू के घर के पास सुंदरकांड का आयोजन था। इसमें करीब 11 बजे तक ये मौजूद थे। सुंदरकांड के बाद ये लोग पास के एक चौराहे पर मिले और फिर कार लेकर निकल पड़े।
ऐसे मिली सोनू के परिवार को जानकारी, देर रात तक नहीं लौटा तो कई जगह फोन घनघनाए
जब सोनू देर रात तक घर नहीं लौटा तो उसके घरवालों को चिंता होने लगी। उन्होंने सोनू को फोन लगाए तो उसने रिसीव नहीं किया। परिजन बार-बार फोन लगाते रहे। आखिर में लसूडिय़ा थाने के एक पुलिसकर्मी ने सोनू का मोबाइल उठाया और परिजनों को बताया कि उसका एक्सीडेंट हो गया। हालांकि उस समय पुलिसकर्मी ने सोनू की मौत की बात परिजनों को नहीं बताई और कहा कि आप लोग तुरंत एमवाय पहुंचो, वह वहां भर्ती है।
घरो में पसरा मातम
कल रात हुए हादसे की बात जैसे ही युवकों के परिजनों को पता चली तो सभी के घर में मातम पसर गया। जोर-जोर से रोने, चीखने, चिल्लाने की आवाजें आना शुरू हो गई। आवाजें सुनकर पड़ौसी, रिश्तेदार और परिचित भी युवकों घर पहुंचे। इसके बाद सभी एक साथ एमवाय अस्पताल पहुंचे। आज सभी युवकों का पोस्टमार्टम होगा। इससे पहले ही पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने उनके घरों में उनकी शवयात्रा की तैयारियां भी पूरी कर ली।
हादसे के शिकार युवकों में आगे बैठे युवकों के शव बुरी तरत क्षत-विक्षत हो गए थे। कार में दबने के चलते इनके शवों को बाहर निकाला तो शरीर के कुछ हिस्से अलग-अलग हो गए थे। पुलिसकर्मी सोनू यादव ने चद्दरों में बांधकर शवों को एमवाय अस्पताल पहुंचाया। चचेरे भाइयों समेत मालवीय नगर में रहने वाले तीनों युवकों की एक साथ शवयात्रा निकाले जाने की बात कही जा रही है। जैसे ही मच्र्यूरी रूम में डॉक्टर आएंगे उसके बाद सभी का पोस्टमार्टम होगा।
आखिरी बार कॉफी हाउस में बैठकर सभी दोस्तों ने चाय पी और सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर किया फोटो
हादसे के वक्त कार के अंदर बैठे युवक किस स्थिति में थे, यह तो कोई नहीं बता सकता, क्योंकि उनमें से किसी भी जान बची नहीं है। कोई कयास लगा रहा था कि वे आपस में एक दूसरे से मस्ती-मजाक कर रहे थे तो कोई कह रहा था कि गाड़ी चलाने वाले युवक को छोड़कर सभी युवक सो रहे थे। बहरहाल यह सब बातें अनुमान के तौर पर कही जा रही है। एक परिचित ने बताया कि सुमित के मोबाइल के स्टेटस में जिस कॉफी हाउस (Coffee House)का स्टेटस डला था, यही स्टेटस उसने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया, जिससे पता लगता है कि उक्त कैफे में यह लोग पार्टी मनाने गए थे।
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