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    Indore : बीआरटीएस सही या गलत, हाईकोर्ट ने गठित की कमेटी

  • September 28, 2024

    इंदौर। तेजकुमार सेन
    शहर (Indore) में निरंजनपुर (Niranjanpur) से राजीव गांधी प्रतिमा (Rajiv Gandhi Statue) तक लगभग 11.8 किमी का बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) प्रोजेक्ट वर्तमान परिस्थिति में व्यावहारिक है या नहीं, यह पता करने के लिए हाईकोर्ट (High Court) द्वारा 5 सदस्यीय (5 members) नई एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee) गठित कर दी गई है। इसे 8 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करना होगी।

    इस प्रोजेक्ट को चुनौती देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी द्वारा दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। जस्टिस विवेक रसिया और जस्टिस बिनोदकुमार द्विवेदी की डिवीजन बेंच में गत 29 अगस्त को याचिका पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रखा था, जो अब जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट की उपयोगिता के परीक्षण हेतु इसके पहले 16 जुलाई 2013 को हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट पीके सक्सेना (अब दिवंगत) की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि बीआरटीएस लेन में किसी अन्य वाहन को यातायात की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।


    कोर्ट ने अपने आदेश में कहा
    हाईकोर्ट ने अपने मौजूदा आदेश में कहा कि बीआरटीएस पर कमर्शियल रन को दस साल से ज्यादा हो गए हैं। इस दौरान सभी तरह के वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है। इसे देखते हुए कोर्ट का मत है कि मौजूदा परिस्थितियों में बीआरटीएस प्रोजेक्ट व्यावहारिक है या नहीं, यह जानने के लिए एक 5 सदस्यीय नई एक्सपर्ट कमेटी गठित कर इसकी ताजा रिपोर्ट बुलवाई जाए। यह कमेटी 8 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को देगी। कोर्ट ने अनुमति दी कि याचिकाकर्ता भी इस कमेटी के समक्ष अपने सुझाव और आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है।

    कमेटी में इन्हें लिया
    हाईकोर्ट द्वारा गठित 5 सदस्यीय नई एक्सपर्ट कमेटी में सीनियर एडवोकेट अमित अग्रवाल, आईआईएम और आईआईटी के डायरेक्टर द्वारा नामित एक एक एक्सपर्ट, मिनिस्ट्री ऑफ सर्फेस एंड रोड ट्रांसपोर्ट भोपाल के रीजनल आफिसर और सिविल इंजीनियरिंग में आईआईटी ग्रेजुएट अंशुल अग्रवाल को लिया गया है।

    याचिकाकर्ता के तर्क
    याचिकाकर्ता कोडवानी ने कहा कि बीआरटीएस पर सरकार फ्लायओवर बनाने जा रही है। यह सिद्ध करता है कि बीआरटीएस असफल रहा है। अब तक यह तय नहीं है कि बीआरटीएस प्रोजेक्ट का मालिक कौन है। इस प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान में कोई उल्लेख नहीं है। ऐसी स्थिति में इसे खत्म कर दिया जाए। बहस में शासन की ओर से कहा गया था कि बीआरटीएस देश के सफलतम प्रोजेक्ट में से एक है। इस पर चलने वाली आई-बसों में 50 हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन इसका लाभ ले रहे हैं। बीआरटीएस से शहर की जनता को बहुत फायदा हो रहा है।

    कोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे
    हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई नई कमेटी को लेकर महापौर और एआईसीटीएसएल के चेयरमैन पुष्यमित्र भार्गव से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट जो भी निर्देश जारी करेगी उसका पालन करेंगे।

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