डायरी में 25 इंट्री… 10 से पैसा लेना कबूला… किसी से एक तो किसी से दो लाख लिए
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने कल नगर निगम (municipal Corporation) जनकार्य विभाग (Public Affairs Department) के अधीक्षक विजय सक्सेना (Vijay Saxena) और बाबू हेमाली वैद्य (Hemali Vaidya) को बिल पास करने के एवज में 25 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। महिला के पास मिली डायरी (Diary) में सात माह में ठेकेदारों से ली गई राशि की 25 एंट्री हैं। पूछताछ के दौरान महिला ने 10 लोगों के नाम बताते हुए पैसे लेना तो कबूला लेकिन कहा कि वह उधारी के पैसे हैं।
मामले की जांच लोकायुक्त के कार्यवाहक डीएसपी राजकुमार सराफ कर रहे हैं। आज महिला बाबू से डायरी में बाकी एंट्री की जानकारी ली जाएगी। बताते हैं कि यह राशि एक करोड़ से अधिक हो सकती है। इसके अलावा जांच में दोनों के दस से अधिक बैंक खातों (Bank Accounts) और कुछ लॉकरों की जानकारी मिली है। इसके बाद बैंकों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है, ताकि खातों में जमा राशि पता चल सके। वहीं आज लॉकर भी खोले जा सकते हैं।
11 प्रॉपर्टी की कीमत और नौकरी में मिले वेतन की होगी गणना
लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने बताया कि ट्रैप के बाद आलमारी में दस लाख रुपए मिले तो फिर दोनों की संपत्ति की जानकारी भी जुटाना शुरू कर दी है, ताकि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस भी दर्ज किया जा सके। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) आज अधीक्षक के यहां मिली 11 प्रॉपर्टी की जानकारी लेने रजिस्ट्रार ऑफिस जाएगी। वहीं दूसरी ओर नगर निगम (municipal Corporation) को भी पत्र लिखकर अधीक्षक को अब तक की नौकरी में मिले वेतन की जानकारी मांगी गई है। लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि नौकरी के रूप में मिली राशि और 11 संपत्ति की कीमत की गणना की जाएगी, ताकि उसकी काली कमाई का आकलन हो सके।
जनकार्य विभाग के कुछ और लोग भी घेरे में
लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) के सूत्रों के अनुसार दोनों के बयान के बाद जनकार्य विभाग (Public Affairs Department) के कुछ और अफसर भी जांच के घेरे में आएंगे, क्योंकि यह संभव नहीं है कि ये दोनों ही पूरा खेल कर रहे थे। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये तीन प्रतिशन कमीशन किस-किसको बंटता था।
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