इंदौर। इंदौर (Indore) निवासी सैयद रिजवान उल हक (Syed Rizwan ul Haq) के शिकायती आवेदन पर राज्य साइबर सेल इंदौर (Cyber cell Indore) ने कार्रवाई करते हुए 2 भारतीय युवकों को अपने शिकंजे में लिया है, जो चीनी लोगों को फर्जी कंपनियां बनाकर दिया करते थे। कार्रवाई के बारे में राज्य साइबर सेल इंदौर (State Cyber Cell Indore) के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह (Superintendent of Police Jitendra Singh) ने जानकारी दी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य साइबर पुलिस (Additional Director General of Police State Cyber Police) अन्य आर्थिक अपराधों में तकनीक के दुरुपयोग के तत्काल हल के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई है। फरियादी ने अपने शिकायती आवेदन में बताया था कि फेसबुक पर टेस्को ग्लोबल एप्लीकेशन (Tesco Global Application) का विज्ञापन देखकर आवेदक ने मोबाइल में उसे डाउनलोड किया और मोबाइल पर संपर्क करने पर टास्किंग का कार्य बताया गया। अधिक मुनाफा कमाने की लालच में फरियादी से 8 दिन में टेस्को ग्लोबल एप्लीकेशन (Tesco Global Application) पर 2250000 रुपए ट्रांसफर कराए गए। जांच के बाद मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, जिसके लिए एक टीम गठित की गई, जब इस मामले में अधिक जानकारी ली गई, तो यह एप्लीकेशन चाइना से ऑपरेट होती मिली। मामले में फरियादी के बैंक अकाउंट से जानकारी ली गयी। जानकारी में मिली वेबसाइट भी चाइना से ही ऑपरेट होती मिली, जब इन सब की कड़ियां जोड़ी गई, तो पता चला कि कॉन्फ़िगर जिनस टेक्नोलॉजी प्रा ली (Configure Jinus Technology Pvt.) नाम की कंपनी मिली ही नहीं, जिस कंपनी के नाम से केवाईसी डॉक्यूमेंट थे।
दस्तावेजों की के विश्लेषण के बाद जतिन सिंह पिता मनजीत सिंह निवासी दिल्ली (Delhi) का पता मिला जतिन सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा उसकी कंपनी ‘से लीगल’ के माध्यम से सुनहरा बर्ड नाम की चाइनीस कंपनी को कंपनी बनाकर देने का कॉन्ट्रैक्ट लिया गया था। इसके लिए जतिन की मुलाकात सुनहरा बर्ड कंपनी के जनरल मैनेजर शान और अन्य चाइनीस कर्मचारी पूजा कैरी से मेल पर बात हुई थी। मामले में शॉन व पूजा केरी की डिमाण्ड पर आरोपी जतिन ने अपराध में शामिल कम्पनियां कॉन्फिगर जिनस टेक्नोलॉजी एवं (Concursus Technologies private limited) कम्पनी में जतिन सिंह, इन्द्रनील बसु (Jatin Singh, Indranil Basu) एवं उसके दो दोस्त को उक्त दोनों कम्पनियों में डायरेक्टर बनाकर उसमें इन्द्रनील बसु को 99 प्रतिशत शेयर देकर कम्पनी को रजिस्टर्ड किया गया और पूजा केरी व शॉन के बताये मेल आईडी व मोबाइल नम्बर के माध्यम से उक्त कम्पनियों के नाम से बैंक खाते खुलवाये गये तथा www.rummyvip.in डोमेन के नाम से पेमेण्ट गेटवे सर्विस और वर्चुवल अकाउण्ट के लिये इन्द्रनील बसु के हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज पूजा केरी को दिये गये थे, जिनके माध्यम से पेमेण्ट गेटवे सर्विस में वर्चुवल अकाउण्ट खुलवाया गया।
बाद में आरोपी जतिन सिंह द्वारा अपराध में शामिल कम्पनियों से जतिन, इन्द्रनील बसु (Jatin Singh, Indranil Basu) और अन्य को रिजाइन करवाकर पूजा केरी व शॉन के बताये नामों के दो डायरेक्टर अपॉइन्ट कर लिये गये, जिनकी भूमिका में पता चला कि वह वह गुडगॉव हरियाणा में रहकर हाउस किपिंग का काम करते है। उनके दस्तावेजों का दुरूपयोग कर फर्जी कम्पनी के डायरेक्टर बनाये गये। ऐसे ही आरोपी जतिन सिंह और इन्द्रनील बसु के द्वारा अलग-अलग कम्पनियों में डायरेक्टर बनकर 99 प्रतिशत शेयर अपने पास रखकर अलग-अलग नामो से 15 कम्पनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड कर और उन नामों से बैंक खाते खुलवाकर उनका इन्टरनेट बैंकिंग पासवर्ड पूजा केरी एवं शॉन को दिये।
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