इन्दौर। कलेक्टर (Collector) द्वारा इंदौर (Indore) शहर को भिक्षुक मुक्त (Beggar free) कराए जाने की मुहिम के खिलाफ कल कुष्ठ पीडि़तों (leprosy victims) और भिक्षुकों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव (surrounded) कर दिया। बड़ी तादाद में पहुंचे भिक्षुकों ने मुहिम खत्म करने के साथ साथ भिक्षावृत्ति सुचारू रूप से चलने की इजाजत मांगने के साथ-साथ मांग रखी कि या तो भीख मांगने दो या हमारा भरण- पोषण करने की जिम्मेदारी उठाओ। सरकार द्वारा पेंशन के नाम पर दिए जा रहे 600 रुपए और राशन परिवार को पालन के लिए काफी नहीं है।
प्रधानमंत्री की महती योजना व कलेक्टर की मुहिम के खिलाफ अब भिक्षुकों ने भी संघ का निर्माण कर लिया है, वहीं सहयोग कुष्ठ निवारण संघ के कुष्ठ पीडि़त भी इस मुहिम में शामिल हो गए हैं। दिव्यांग हितग्राहियों ने भी कलेक्टर द्वारा चलाई जा रही मुहिम के खिलाफ अपना समर्थन दे दिया है। कल कलेक्टर कार्यालय मे उस समय असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई, जब शहर के दो दर्जन से ज्यादा कुष्ठ पीडि़त दिव्यांग व भिक्षुक एकजुट होकर प्रदर्शन करने पहुंच गए। संघ के अध्यक्ष सारंग गायघने, सुभाष भरवाड़ ने प्रदर्शन करते हुए बताया कि कुष्ठ पीडितों और दिव्यांगों का जीवनयापन भिक्षावृत्ति के सहारे ही चल रहा है और सरकार हमारा जीने का अधिकार भी छीनना चाहती है। कलेक्टर आशीष सिंह ने 1 जनवरी से भिक्षा देने व लेने वालों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसे हटाया जाए।
सरकार 5 रुपए में भोजन कराती है, इन्हें 8 हजार रुपए चाहिए…
दीनदयाल रसोई योजना के तहत गरीब तबके व निसहाय बुजुर्गों और भिक्षुकों के लिए भी पांच रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। नगर निगम के माध्यम से मजदूर चौराहों पर भी दीनदयाल रसोई वाहन संचालित किए जा रहे हैं, जो पांच रुपए में चौराहे पर ही भरपेट भोजन करा रहे है, वहीं शहर की कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी इस तरह की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। परेदशीपुरा क्षेत्र में जहां सांई मंदिर प्रबंधन समिति के माध्यम से पांच रुपए में सांई प्रसाद थाली भरपेट भोजन करा रही है, वहीं रेैन बसेरों में निवास करने वालों को भी नगर निगम के माध्यम से कम मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में भिक्षुकों की आठ हजार रुपए की मांग प्रशासन के गले नहीं उतर रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने भिक्षुक संघ को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि इन्दौर शहर में भिक्षावृत्ति नहीं करने दी जाएगी। निसहाय लोगों के लिए उज्जैन सेवाधाम में इलाज के साथ काम के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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