20 प्रतिशत बेड भी हितग्राहियों के लिए रहेंगे आरक्षित… शिकायत निवारण के लिए विशेष सेल भी बनाया
इंदौर। कोविड मरीजों के इलाज में चूंकि निजी अस्पतालों को अधिक राशि पीपीई किट (PPE Kits) से लेकर संक्रमण से बचने के इंतजाम और अतिरिक्त पारिश्रमिक भी स्टाफ को देना पड़ता है। लिहाजा आयुष्मान योजना (Ayushyaman Yojana) के तहत शासन को भी 40 फीसदी दर वृद्धि करनी पड़ी और इसे इंदौर सहित प्रदेश के 288 निजी अस्पतालों में तीन माह के लिए लागू भी कर दिया, जिसमें 20 फीसदी बेड भी हितग्राहियों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए। निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में साढ़े 3 हजार से ज्यादा और सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में 13 हजार से अधिक ऑक्सीजन बेड भी मरीजों के इलाज के लिए इस योजना के तहत उपलब्ध हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस पूरी योजना का खुलासा भी किया और सभी कलेक्टरों को तुरंत इसे लागू करवाने के निर्देश भी दिए हैं। सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आकाश त्रिपाठी के मुताबिक एडमिशन और उपचार के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी और शिकायत निवारण के लिए विशेष सेल भी बनेगा। शत-प्रतिशत पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
इस योजना में सिटी स्कैन (City Scan), एमआरआई के लिए भी जो पहले 5 हजार रुपए प्रति वर्ष का प्रावधान था उसे भी अब कोविड उपचार के लिए भर्ती कार्डधारकों के लिए 5 हजार रुपए प्रति कार्डधारी कर दिया है। यानी अगर परिवार में चार सदस्य हैं तो प्रत्येक के लिए 5-5 हजार की राशि रहेगी। क्योंकि अभी सिटी स्कैन ही बार-बार करवाने पर बड़ी राशि एक परिवार को खर्च करना पड़ती है, क्योंकि अधिकांश सदस्य पॉजिटिव निकल रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए नि:शुल्क कोविड उपचार उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री ने आयुष्मान योजना में संशोधन भी किए और नए प्रावधानों के साथ उसे तुरंत प्रभाव से लागू भी कर दिया है। इसे मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना भी नाम दिया गया है। सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आकाश त्रिपाठी ने योजना की जानकारी एवं क्रियान्वयन के लिये समस्त कलेक्टर्स और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान पैकेज की दरों में 40 प्रतिशत की वृद्धि कर उनको वर्तमान में उपचार के लिये प्रायवेट अस्पतालों की दरों के समकक्ष लाया गया है। इसमें विशेष जाँचों जैसे सीटी स्केन, एमआरआई आदि की अधिकतम सीमा जो पूर्व में 5 हजार रूपये प्रति परिवार प्रतिवर्ष थी, इसे संशोधित कर वर्ष 2021-22 में कोविड-19 के उपचार हेतु भर्ती कार्डधारियों के लिए 5 हजार रुपये प्रति कार्डधारी कर दिया गया है। वर्तमान में प्रदेश के कोविड उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की संख्या 579 के विरुद्ध मेडिसिन विशेषज्ञता वाले 288 अस्पताल ही आयुष्मान योजना के इम्पेनल्ड है। अत: जिला स्वास्थ्य समिति को जिला स्तर पर कोविड-19 के इलाज के लिए सार्थक पोर्टल पर पंजीकृत निजी अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में तीन माह के लिए अस्थायी सबद्धता प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है। त्रिपाठी ने बताया कि उक्त निर्णय से आर्थिक रूप से कमजोर आयुष्मान कार्डधारी परिवारों का नि:शुल्क कोविड उपचार कराया जा सकेगा, जो राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता भी है। अत: यह सुनिश्चित करें कि जिले के समस्त ऐसे निजी अस्पताल जो मेडिसिन विशेषज्ञता रखते हुए कोविड उपचार कर रहे हैं और सार्थक पोर्टल पर पंजीबद्ध हैं। उनकी आयुष्मान योजना के अन्तर्गत तीन माह के लिए अस्थायी संबद्धता शीघ्र दी जाये ताकि उन सभी अस्पताल में आयुष्मान योजना के नवीन पैकेज के अन्तर्गत आयुष्मान कार्डधारियों का नि:शुल्क कोविड उपचार सुनिश्चित किया जा सके। बहुत छोटे अस्पतालों को यह संबद्धता न दी जाये। राज्य शासन प्रतिबद्धता है कि आयुष्मान भारत योजना में पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराया जाये। यह कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जाये। कोविड-19 के नि:शुल्क उपचार के लिये विशेष अभियान चलाकर सुनिश्चित करें कि आयुष्मान पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य को पृथक कार्ड मिल सके और उनका नि:शुल्क कोविड उपचार किया जा सके। कोई भी आयुष्मान कार्ड की पात्रता रखने वाले परिवार के पास यदि आयुष्मान कार्ड नहीं है और उसे कोविड होने के कारण उपचार की आवश्यकता है, तो भी इनका नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाना है।
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