इंदौर। पिछले दिनों हाईकोर्ट ( high court) ने प्राधिकरण द्वारा योजना 140 आनंद वन फेस 2 में व्यावसायिक दुकानों के टेंडर खोलने (authority) पर रोक लगा दी थी। प्राधिकरण द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट होते हुए कल हाईकोर्ट ( high court) ने प्राधिकरण को जिन दो दुकानों को लेकर याचिका लगाई गई, उसके टेंडर छोडक़र शेष अन्य टेंडरों को खोलने की अनुमति दे दी। अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी, वहीं प्राधिकरण का कहना है कि हाईकोर्ट (high court) द्वारा लगाई गई रोक के बाद आज लगभग 30 करोड़ रुपए मूल्य की इन व्यावसायिक संपत्तियों के प्राप्त टेंडरों को खोल सकेगा।
दरअसल प्राधिकरण बोर्ड ने योजना क्र. 140 आनंद-1 फेस-2 की दो बड़ी दुकानों के टेंडरों को बिना किसी कारण के एकाएक निरस्त कर दिया था, जिसके चलते टेंडर भरने वाले वतााश शर्मा, आदित्य जैन ने हाईकोर्ट की शरण ली, जिस पर हाईकोर्ट ने प्राधिकरण द्वारा बुलवाए गए इन दुकानों के टेंडरों को खोलने पर रोक लगाते हुए आठ दिन में जवाब मांगा। दरअसल प्राधिकरण ने जो नए टेंडर बुलाए, उनमें 30 फीसदी दरें बढ़ाने का भी फार्मूला निकाला, जिस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर प्राधिकरण इन टेंडरों को निरस्त करने के लिए 20 प्रतिशत अधिक दर का फार्मूला कहां से लाया? हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को बुलाए गए प्राधिकरण के टेंडरों को निरस्त कर दिया था। इसमें दोनों दुकानों के अलावा अन्य दुकानों के भी टेंडर शामिल रहे। कल प्राधिकरण की और से प्राप्त जवाब से संतुष्ट होते हुए वहां की दो दुकानों के टेंडरों को छोडक़र शेष अन्य दुकानों के जो टेंडर प्राप्त हुए हैं, उन्हें प्राधिकरण खोल सकता है। अब इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने 25 अक्टूबर को अगली तारीख लगाई है। आज-कल में प्राधिकरण प्राप्त टेंडरों को खोलेगा। प्राधिकरण का कहना है कि सभी दुकानों के लिए प्रतिस्पर्धा हुई है और दो से अधिक टेंडर (Trader) हर दुकान के लिए प्राप्त हुए हैं, लगभग 30 करोड़ रुपए से ज्यादा के इन टेंडरों को खोलने की अनुमति मिल गई है। दरअसल योजना 140 संपत्तियों के भावों में पिछले कुछ समय में ही तेजी से वृद्धि हुई है। इसके चलते प्राधिकरण ने 30 फीसदी से अधिक दर पर टेंडर बुलाए हैं, उसमें भी उम्मीद है कि कई टेंडर 50 फीसदी से भी अधिक राशि के प्राप्त हो सकते हैं। यहां तक की पिछले दिनों ही प्राधिकरण ने सुपर कारिडोर पर 77 करोड़ रुपए मूल्य के दो भूखंड भी बेच डाले। इनमें 3 से 5 टेंडर प्राप्त हुए। सुपर कॉरिडोर की योजना 151 में पांच टेंडर मिले, जिसमें सवा लाख स्क्वेयर फीट का भूखंड शामिल रहा और दूसरा भूखंड पौने दो लाख स्क्वेयर फीट का था, उसमें भी प्राधिकरण को तीन टेंडर प्राप्त हुए। चूंकि अभी रीयल स्टेट के कारोबार में तेजी है, इसका फायदा प्राधिकरण को सुपर कॉरिडोर से लेकर योजना 140 में मिल रहा है और गाइड लाइन से ज्यादा दरों पर यह टेंडर प्राप्त हो रहे हैं और योजना 140 में तो कुछ ही समय में 50 फीसदी से लेकर दोगुने भाव पर भी टेंडर प्राप्त हुए हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved