अफसरों के साथ अधिकांश जनप्रतिनिधि तैयार… बंगाली चौराहा का पेंच अभी उलझा… हफ्तेभर में होगा निराकरण
इन्दौर। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर से मुक्ति के बाद अब शहर के ठप पड़े विकास कार्यों को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं। बंगाली ओवरब्रिज (Bengali Overbridge) का निर्माण (Construction) ठप पड़ा है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों ने डिजाइन में डिफेक्ट बताकर काम रूकवा दिया, जबकि 80 फीसदी से अधिक ब्रिज बन चुका है, बस सेंट्रल इस्पान यानी चौराहे का ही काम बचा है। प्रमुख सचिव की मौजूदगी में कल संभागायुक्त कार्यालय पर हुई बैठक में बंगाली ओवरब्रिज की मूल डिजाइन से लेकर प्रस्तावित और अन्य सुझावों पर चर्चा हुई। अब हफ्तेभर में अंतिम निर्णय होगा। वहीं बीआरटीएस कॉरिडोर पर जो एलिवेटेड ब्रिज लोक निर्माण विभाग को बनाना है उसको लेकर अधिकांश जनप्रतिनिधियों और अफसरों का मत है कि इसका जिम्मा प्राधिकरण को सौंपा जाए, ताकि नई डिजाइन और तकनीक के साथ जल्द ही निर्माण हो सके। हालांकि एलिवेटेड ब्रिज की डिजाइन को लेकर भी मतभेद हैं।
कल इंदौर आए लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई (Neeraj Mandloi) ने बैैठक से पहले बंगाली ओवरब्रिज (Bengali Overbridge) के निर्माण स्थल का अवलोकन भी किया। इसके बाद वे बैठक में शामिल हुए। प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और विधायकों के साथ-साथ संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल, प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिए बंगाली ओवरब्रिज और प्रस्तावित एलिवेटेड को लेकर चर्चा की गई। श्री मंडलोई ने कहा कि जो सुझाव मिले हैं उसका परिक्षण कर संशोधित प्रस्ताव तैयार कर दोनों ब्रिजों की समस्या को हल करवाएंगे। दरअसल इंदौर विकास प्राधिकरण ने पिपल्याहाना ओवरब्रिज (Overbridge) तैयार किया है, जिसका कुछ माह पूर्व ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने लोकार्पण किया और दूसरी तरफ बंगाली ओवरब्रिज का निर्माण करवा रहा है, जिसकी डिजाइन में डिफेक्ट है और वर्षों पुरानी तकनीक के आधार पर विभाग अभी भी पुल बनवा रहा है। लिहाजा अधिकांश जनप्रतिनिधियों और अफशरों का मत है कि बीआरटीएस कॉरिडोर पर जो एलिवेटेड ब्रिज 325 करोड़ की लागत से बनना है, जिसके लिए केन्द्र से भी मंजूरी मिल चुकी है उसका जिम्मा प्राधिकरण को सौंपा जाए तो बेहतर ब्रिज का निर्माण हो सकेगा। हालांकि बीआरटीएस एलिवेटेड ब्रिज को लेकर भी अलग-अलग मत हैं, क्योंकि बीआरटीएस के कारण पहले से ही एबी रोड का यातायात अवरुद्ध होता है। अब इस एलिवेटेड के साथ मेट्रो प्रोजेक्ट भी आना है। किस तरह ब्रिज की डिजाइन फाइनल की जाए, उसको लेकर मशक्कत जारी है। बंगाली चौराहा पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज तथा एबी रोड पर प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज के संबंध में आ रही तकनीकी दिक्कतों के निराकरण के संबंध में आज यहां जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। इस संबंध में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक में भोपाल से विशेष रूप आये लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई को इंदौर के जनप्रतिनिधियों, तकनीकी विशेषज्ञों और अधिकारियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। बैठक में तय किया गया कि आज प्राप्त सुझावों का परीक्षण कराकर उक्त दोनों ब्रिज के संबंध में संशोधित प्रस्ताव तैयार कर आगामी 25 जून को पुन: बैठक आयोजित कर आगामी निर्णय लिया जायेगा। बैठक में बताया गया कि इंदौर शहर की भावनाओं, जनप्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों के सुझावों का ध्यान रखते हुये समयावधि में निर्णय लेकर कार्य को पूर्ण किया जायेगा। बैठक में बताया गया कि बंगाली चौराहे के ब्रिज के संबंध में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिये ट्राफिक का फ्लो मूवमेंट सर्वे कराया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved