इंदौर। भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) नेताओं से मिलने के बावजूद कोरोना (Corona) काल में संविदा पर नौकरी पर लिए गए 127 नर्सेस (Nurses) को सुपर स्पेशलिटी (Super Specialist) अस्पताल (Hospital) से हटा दिया गया है। इसके अलावा 83 नर्सेस (Nurses) एमटीएच अस्पताल (MTH Hospital) से भी हटा दिए गए हैं । अब हटाए गए नर्स (Nuirse) धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह से नर्स (Nurse), जिनमें पुरुष और महिला नर्स (Nurse) शामिल हैं, नेताओं के चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) के साथ-साथ कांग्रेस (Congress) विधायक जीतू पटवारी (Jitu Patwari) तक से बात की थी। नौकरी से निकाले गए नर्सों (Nurses) का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा था कि जिन लोगों का कार्यकाल 100 दिन का हो चुका है उन्हें नहीं हटाया जाएगा, लेकिन कल उन्हें हटाने के आदेश (Order) जारी कर दिए गए। बताया जा रहा है कि भोपाल से 20 नर्सों (Nurses) को रखने के आदेश (Order) आए हैं और उन्हें काम पर रख लिया गया है, लेकिन बाकी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। नर्सों (Nurses) का कहना है कि विभाग को जब हमारी जरूरत थी तब तो हमें नौकरी पर रख लिया। हमने कोरोना (Corona) मरीजों की सेवा में दिन-रात एक कर दिया और इस दौरान हमारे कई साथी संक्रमित भी हो गए थे। उसके बावजूद किसी ने नौकरी नहीं छोड़ी। कुछ नर्सों (Nurses) का कहना है कि तीसरी लहर का अंदेशा है, लेकिन व्यवस्था करने के बजाय नर्सिंग स्टाफ को हटाया जा रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialist Hospital) से 127 तो एमटीएच (MTH) से 83 नर्सों को हटाया गया है। कल शाम ये वापस भाजपा (BJP) कार्यालय भी पहुंचे, जहां नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे (Gaurav Randeepe) ने आश्वासन दिया कि वे अधिकारियों से बात करेंगे। इसके बाद आज सुबह सभी मंत्री तुलसी सिलावट (Tulsi Silwat) के घर पहुंच गए और उनसे मुलाकात की। हालांकि उन्होंने भी केवल आश्वासन ही दिया। नौकरी से हटाए गए नर्सों (Nurses) का कहना है कि अगर अब उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे राजबाड़ा चौक (Rajwada Chowk) पर जाकर धरना देंगे।
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