इंदौर। इंदौर शहर (Indore City) में 30 मार्च 2023 को रामनवमी के दिन बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal Temple) पर रामनवमी के मौके पर हवन किया जा रहा था। यह मंदिर बेलेश्वर बावड़ी (Bawdi) पर स्लैब डालकर बनाया गया था, जहां हवन में सौ से अधिक लोग मौजूद था इस दौरान बावड़ी का स्लैब भर भराकर गिर गया, जिसके चलते हवन मेंं शामिल करीब पचास से ज्यादा लोग बावड़ी में समां गए थे इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 18 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में गठित एस आई टी की रिपोर्ट के बाद बेलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव को आरोपी बताते हुए याचिका दायर की थी जिसमें निगम को भी जिम्मेदार बताया गया था।
गौरतलब है कि मंदिर के ठीक पीछे पार्षद कार्यालय बना है जहां पार्षद सहित कई निगम अधिकारी भी बैठते है। घटना के एक साल बाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद समिति के दोनों ही पदाधिकारियों को आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जहां एक साल से जारी सुनवाई में नवम अपर सत्र न्यायाधीश ने गुरुवार को दोनों ही आरोपियों को बरी कर दिया था। सुनवाई के दौरान नगर निगम के अधिकारियों ने मौके पर कोई बावड़ी ना होने का जिक्र किया और बताया कि इस तरह का रिकॉर्ड निगम में भी मौजूद नहीं है। इसी आधार पर कोर्ट ने दोनों ही आरोपियों को बरी कर दिया है जिसके बाद बहस शुरू हो गई है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि फैसला कोर्ट ने दिया है इस मामले में यदि कोई रिव्यू पिटिशन दायर करना चाहता है तो वह कोर्ट जा सकता है। महापौर भार्गव ने निगम अधिकारियों द्वारा कोर्ट में दिए जवाब पर कोई उत्तर नहीं दिया। वहीं कांग्रेस पार्षद सोनिला मिमरोट ने कहा कि उस वक्त के निगम अधिकारी और क्षेत्रीय पार्षद पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने अपनी जवाबदारी ठीक तरीके से नहीं निभाई जिसके चलते 36 लोगों की मौत हुई है। इस मामले में निगम अधिकारियों की जिम्मेदारी पर जांच होना चाहिए।
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