इन्दौर। पुलिस (Police) और संगठन से जुडे कुछ लोग किसानों (farmers) और गौ सेवकों (cow servants) को भी पशु तस्कर (cattle smugglers) बताते उन पर मुकदमा दर्ज करवाने से नहीं चूक रहें है ।
ये पड़ताल नहीं करते कि कौन गौ तस्कर (cow smugglers) है और कौन गौ सेवक (cow servant) ? बस सडक़ पर कोई पशुओं से भरा वाहन दिखा और सीधे उस पर तस्कर की टेग लग जाती है । । ऐसा ही मामला राऊ (Rau) में हुआ। रंगवासा (Rangwasa) फाटे से खुद को एक संगठन से जुड़े बताते हुए कुछ लोगो ने गौ वंश से भरी आयशर रोकवाई बिना पड़ताल के उसे थाने ले गए और मुकदमा दर्ज करवा दिया। पुलिस भी शिकार कर्ताओं की सुनती रही, जिस पर आरोप लगे उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। दरअसल गौवंश एक गौ सेवक के थे। बताया जा रहा है कि उन्हें फार्म हाऊस से जंगल में हरे चारे के लिए लेकर जाया जा रहा था। ग्राम पंचायत की रसीद होने के बावजूद भी इन गौवंशों को जबरदस्ती थाने ले जाया गया और घंटों खड़ा रखकर वाहन मालिक पर कार्रवाई कर दी ।
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