सरकार ने शुरू कर ली अपनी कमाई…
अप्रैल माह में 4500 हुई थीं रजिस्ट्री…स्टाम्प और पंजीयन शुल्क के एवज में मिले थे 50 करोड़
इंदौर। पूरे प्रदेश में कामकाज ठप है, लेकिन सरकार ने अपनी कमाई शुरू कर दी है। जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा 13 मार्च से रजिस्ट्रार कार्यालय (Office of the Registrar) खोल दिए गए हैं, जहां एक ही दिन में खजाने में स्टाम्प (Stamp) और पंजीयन शुल्क (Registration Fee) के एवज में सरकार को 50 लाख की कमाई हो गई, जबकि अप्रैल माह के 20 दिनों तक हुई रजिस्ट्री में ही पंजीयन कार्यालय को 50 करोड़ रुपए की आय हुई थी।
वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे (Balakrishna More) ने बताया कि लंबे अंतराल के बाद खुले रजिस्ट्रार कार्यालय में एक ही दिन में 45 रजिस्ट्री हुईं, जिसके एवज में स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क के रूप में 50 लाख रुपए खजाने में आए। पिछले माह में भी 20 अप्रैल तक ही रजिस्ट्रार कार्यालय खुला था। उसके बाद कोरोना महामारी बढऩे लगी, जिसके बाद प्रशासन के आदेश पर दफ्तर बंद कर दिया था। 20 दिनों में कुल 4500 रजिस्ट्री हुई थीं, जिससे प्रशासन के खजाने में स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क (Registration Fee) के रूप में 50 करोड़ रुपए आए थे। कल ईद के कारण रजिस्ट्रार कार्यालय बंद था, वहीं आज शनिवार व कल रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से बंद रहेगा। अब सोमवार से फिर चालू होगा। उल्लेखनीय है कि गत 21 अप्रैल से बंद कार्यालय 22 दिनों बाद कलेक्टर के आदेश पर 13 मई से खोला गया है। आदेश में यह भी हवाला दिया गया है कि कर्मचारियों की 10 प्रतिशत ही उपस्थिति हो।
कर्मचारी डरे…6 सबरजिस्ट्रार हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं
कोरोना महामारी के बीच खुले रजिस्ट्रार कार्यालय (Office of the Registrar) में रजिस्ट्री कराने आने वाले तो डरे ही हैं, वहीं कर्मचारी और अधिकारी भी डरे हुए हैं। कुछ अधिकारी तो हाल ही में कोरोना महामारी को हराकर ठीक हुए हैं । इनमें प्रमुख रूप से 6 सबरजिस्ट्रार (Subregistrar) व अन्य कर्मचारी हैं। हालांकि वकीलों द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय खोले जाने का विरोध किया जा रहा है। वकीलों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच रजिस्ट्रार कार्यालय खोलना उचित नहीं है। महामारी पूरी तरह से खत्म होने के बाद ही खोला जाए तो शहर के हित में होगा।
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