इंदौर जिले के आंकड़ों में अब ग्रामीण क्षेत्रों के आंकड़े ज्यादा
इन्दौर। इंदौर जिले के कोरोना मरीजों (Corona patients) के नए आंकड़े प्रतिदिन जारी किए जाते हैं। 10 दिन पहले तक इन आंकड़ों में ग्रामीण क्षेत्र के करीब 5 प्रतिशत आंकड़े ही आते थे, लेकिन अब यह प्रतिशत 30 तक पहुंच गया है। यानी इंदौर के गांवों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है।
जिला प्रशासन (district administration) अब शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों (rural area) में भी कोरोना (Corona) के नए मामलों को लेकर चिंता में आ गया है। जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्र (rural area) में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, उसे रोकना अब स्वास्थ्य अमले के लिए भी चुनौती बन गया है। प्रदेश आपदा प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे ने बताया कि पहली लहर में गांव सुरक्षित थे, लेकिन दूसरी लहर में गांव में कोरोना (Corona) का फैलाव चिंता पैदा कर रहा है। उन्होंने कल राऊ में हुई बैठक में बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना का जो बुलेटिन जारी करता है, उसमें पहले ग्रामीण क्षेत्रों के 5 प्रतिशत मरीज ही आते थे, लेकिन अब इनकी संख्या कुल आंकड़ों की 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि लोग घर में टायफाइड का इलाज करवा रहे हैं, लेकिन वे यह नहीं समझ रहे हैं कि अगर वह कोरोना है तो उनके लिए कितना घातक हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक भ्रांति भी बन गई है कि किसी ने घर पर रहकर इलाज करवाया और वह ठीक हो गया, लेकिन बहुत ही कम मामलों में ऐसा होता है। डॉ. खरे ने कहा कि हम डॉक्टर ही खुद समझ नहीं पाए हैं कि 5 प्रतिशत संक्रमण वाला मरीज गंभीर होकर मर जाता है तो 90 प्रतिशत संक्रमण वाला मरीज ठीक होकर घर आ जाता है। इसलिए इस मामले में लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। इसके इलाज के पहले हमें इसे रोकना जरूरी है और गांव में जनता कफ्र्यू लगाकर ही इसे रोका जा सकता है। उन्होंने गांव-गांव में प्रशासन की टीम बनाकर सहयोग करने की बात भी कही, जिसकी मॉनीटरिंग जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों द्वारा की जाएगी।
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