- एसडीएम की अध्यक्षता में उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक… जनवरी में आधी हो गई रजिस्ट्रियां
इंदौर। एक अप्रैल से लागू होने वाली अचल सम्पत्तियों की नई गाइडलाइन बनाने की तैयारी शुरू की गई है। राऊ एसडीएम प्रतुल्ल सिन्हा की अध्यक्षता में उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें उन क्षेत्रों की गाइढलाइन बढ़ाने पर चर्चा की गई, जहां पर बाजार दर अधिक है। लगभग ऐसी 5 हजार रजिस्ट्रियां हुई हैं, जो कि गाइडलाइन से अधिक मूल्य पर करवाई गई। 31 दिसम्बर तक 2 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी गई थी, जिसके कारण बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां हुई, मगर अब इनकी संख्या जनवरी में आधी ही रह गई है।
हर साल अचल सम्पत्तियों की गाइडलाइन बढ़ा दी जाती है। हालांकि पूर्व कमलनाथ सरकार ने 30 प्रतिशत गाइढलाइन में कमी की थी, जिसके अच्छे परिणाम नजर आए और उसके बाद फिर शिवराज सरकार ने 2 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट दी। नवम्बर के बाद दिसम्बर में भी जमकर रजिस्ट्रियां हुई और गत वर्ष के राजस्व रिकार्ड भी टूट गए। एख दिन में 700-800 तक दस्तावेज पंजीबद्ध होने लगे। मगर अब 1 जनवरी से 2 प्रतिशत की छूट खत्म होने के कारण रजिस्ट्रियां की संख्या घटकर आधी ही रह गई। हालांकि कोरोना के बाद जमीनी कारोबार में भी तेजी देखी गई और बड़ी संख्या में सौदे होने लगे। कल उपजिला मूल्यांकन समिति की पहलीू बैठक हुई, जिसमें राऊ एसडीएम प्रतुल्ल सिन्हा मौजूद रहे, जिसके मुताबिक कई ऐसे क्षेत्रों की रजिस्ट्रियां सामने आई है, जहां पर गाइडलाइन से अधिक मूल्य पर रजिस्ट्रियां हुई है। वहीं अवैध कालोनियों के संबंध में भी चर्चा की गई, जहां पर आसपास की वैध कालोनियों और क्षेत्रों के आधार पर गाइडलाइन थोड़ी बढाई जा सकती है। वहीं अभी निर्माण लागत भी बढ़ गई है। इससे भी नई गाइडलाइन में ध्यान में रखा जाएगा। वहीं शहर के पुराने क्षेत्रों में आवासीय और व्यवसायिक सम्पत्तियों की कीमत घट गई है, क्योंकि वहां की गाइडलाइन ज्यादा है। इस पर चर्चा कर भी निर्णय लेंगे। सूत्रों का कहना है कि लगभग 5 हजार ऐसी रजिस्ट्रियां हुई हैं जो नई गाइडलाइन से अधिक कीमत पर करवाई गई। शहर के साथ-साथ 29 गांवों में सबसे अधिक बहुमंजिला इमारतें और टाउनशिप विकसित हो रही है, जहां पर जमीनों की कीमतें पिछले दिनों बढ़ी भी है। बायपास, सुपर कारिडोर से लेकर अन्य क्षेत्रों में इस आधार पर गाइडलाइन बढ़ाई जा सकती है।