बेटमा के होस्टलों में मिली अनियमितता,आज से इंदौर में सघन जांच अभियान,अपने-अपने क्षेत्रों के संस्थान खंगालेंगे
इंदौर। युगपुरुषधाम आश्रम (Yugpurushdham Ashram) में दो दिन में पांच बच्चों की मौत, 48 दिव्यांग बच्चों (48 handicapped children) के इंफेक्टेड होने और चितावद क्षेत्र के बच्चों को फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर है। कलेक्टर ने सभी होस्टलों, आश्रम, बालगृहों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। शहर के प्राइवेट फिजिकल सेंटर में 44 बच्चों के फूड पॉइजनिंग के शिकार होने की घटना के बाद प्रशासन और सख्त हो गया है।
बारिश का सीजन अभी शुरू ही हुआ है और फूड पॉइजनिंग की घटनाएं सामने आने लगी हैं। सरकारी होस्टलों में अनियमिताओं का अंबार लगा हुआ है, वहीं दिव्यांगों के आश्रमों में भी गफलत सामने आ रही है। कलेक्टर आशीष सिंह ने कल शहर के सभी होस्टलों में सघन जांच अभियान चलाए जाने के निर्देश क्षेत्र के एसडीएम को दिए हैं। इसी कड़ी में देपालपुर एसडीएम ने राजस्व अमले के साथ बेटमा क्षेत्र के चार शासकीय छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया। इसमें शासकीय विमुक्त जाति बालक आश्रम माचल, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास बेटमा, शासकीय सीनियर अजा-अजजा बालक छात्रावास बेटमा एवं विमुक्त ओबीसी जाति छात्रावास बेटमा शामिल हैं। सभी जगह बच्चों के ठहरने व बैठने की व्यवस्था, बिजली-पानी एवं रसोईघर सहित भोजन व्यवस्था का निरीक्षण किया तथा होस्टल के वार्डनों को सख्त लहजे में व्यवस्था में सुधार की चेतावनी दी।
बजट नहीं, जैसे-तैसे चला रहे छात्रावास
सरकारी छात्रावासों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। पीने के साफ पानी की व्यवस्था तक नहीं है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना काल के बाद से ही विभाग बजट की कमी से जूझ रहा है। महीनों से कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया गया है। छात्रावासों में बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। क्षेत्र के कई छात्रावास ऐसे हैं, जो बजट नहीं होने के कारण जैसे-तैसे चल रहे हैं।
अव्यवस्थाओं का अंबार मिला
बालक आश्रम माचल में शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए पलंग, बिस्तर, लाइट और बर्तन का सही उपयोग नहीं पाए जाने पर एसडीएम रवि वर्मा द्वारा वार्डन को सख्त हिदायत के साथ दो दिन में सारी व्यवस्था सुधारने को कहा गया। कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास बेटमा में बच्चियों को सोने के लिए पलंग की व्यवस्था नहीं होने से जमीन पर सोना पड़ता है, जिसको लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों से बात कर व्यवस्था करवाने का आश्वासन दिया गया। निरीक्षण के दौरान बेटमा नायब तहसीलदार व पटवारी मौजूद थे।
कॉमन किचन, पेयजल वालों की जांच
कलेक्टर सिंह ने होस्टल, छात्रावासों, आश्रमों, कोचिंग संस्थानों सहित ऐसे संस्थान, जहां कॉमन किचन में अधिक संख्या में लोग खाना खाते हैं तथा जिनका पेयजल का स्रोत भी कामन है, वहां पर गुणवत्ता की जांच के निर्देश दिए हैं। जिले के सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में 7 दिवस के भीतर यह जांच कर कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। जांच दल में एसडीएम के अलावा नगरीय क्षेत्र में निगम के स्वास्थ्य अधिकारी,फूड सेफ्टी ऑफिसर तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे।
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