इंदौर। शहर (Indore) की साफ-सफाई बदहाली का शिकार है और केन्द्र सरकार (central government) द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण भी जल्द शुरू किया जाना है, जिसके चलते अब रोजाना महापौर और आयुक्त (Mayors and commissioners) दौरे कर रहे हैं, तो आज के बजट (budget) में भी महापौर ने स्वच्छता की चुनौती को स्वीकार करते हुए सर्वेक्षण में लगातार आठवीं बार नम्बर वन बने रहने का दावा भी किया है। महापौर का कहना है कि शहर की जनता के सहयोग, सफाई मित्रों के समर्पण, प्रशासनिक अधिकारियों और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही इंदौर लगातार सात बार नम्बर वन बना है।
अब वेस्ट टू एनर्जी हमारी प्राथमिकता है। हम ऊर्जा का उत्पादन कर निगम की आय में बढ़ोतरी करेंगे। जिस तरह वर्तमान सीएनजी प्लांट का उल्लेख वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने आर्थिक सर्वेक्षण में किया और उसे एक आदर्श मॉडल बताया, उसी तर्ज अब कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र स्थापित होगा और बैकलेन के ट्रांसफार्मेशन का काम प्राथमिकता से करेंगे। हर वार्ड की 5 बैकलाइनों को संवारेंगे। इस बजट में स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित इंदौर के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। थ्री आर नवाचार के तहत थैला बैंक, बर्तन बैंक, होम कम्पोस्टिंग, जीरो वेस्ट, ईवेंट, रीयूजेबल किट के नवाचारों के साथ ही इस साल नागरिकों के लिए बेस्ट रूफटॉफ गार्डन कॉम्पटीशन भी $आयोजित की जाएगी। सभी 85 वार्डों में मौजूद बैकलेन का काम भी प्राथमिकता से किया जा रहा है और लगभग 300 बैकलेन में यह कार्य पूर्ण हो चुका है। अब प्रत्येक वार्ड में 5-5 बैकलाइनों को संवारने के कार्य का लक्ष्य रखा गया है। 30 स्लम बस्तियों को ग्रीन स्लम के रूप में विकसित करेंगे। 10 वार्डों को चिन्हित कर एक्यूआई प्रोटोकॉल पर आधारित परियोजनाओं, सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त अभियान, 19 चौराहों को चिन्हित कर सिग्रल पर रेड लाइट होने पर वाहनों के इंजन बंद करने का अभियान भी चलेगा और आगामी दो महीने में कचरा संग्रहण के 150 नए वाहन खरीदेंगे। नागरिक सुविधाघरों के उन्नयन के साथ ही नए सुविधाघरों का निर्माण भी होगा। जीरो कार्बन क्रेडिट के लक्ष्य पर भी नगर निगम काम कर रहा है, जिसमें जलूद में सोलर प्लांट की स्थापना की जा रही है , जिसके लिए निगम ने ग्रीन बॉण्ड के जरिए पर्याप्त धन राशि एकत्रित भी की है। शहर की 125 ड्रैनेज लाइनों के कार्यों पर 100 करोड़ खर्च होंगे और स्मार्ट सिटी का कार्यकाल भी केन्द्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया है, जिसके चलते जलप्रदाय और सीवरलाइन के प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। नमामि गंगे योजना के तहत 511 करोड़ की लागत से 120, 40 और 35 एमएलडी एसटीपी के प्लांट की मंजूरी भी हो चुकी है, तो 80 और 40 एमएलडी के एसटीपी नए प्लांट भी लगाए जाएंगे। पुराने ड्रैनेज सिस्टम को सुधारने की व्यापक कार्य योजना भी बनाई है, जिसमें 320 किलोमीटर लम्बाई में सीवरेज लाइन डाली जाएगी।