इंदौर। ब्लैक फंगस (Black fungus) पीडि़तों के लिए जो सस्ते इंजेक्शन (Injection) मंगवाए थे वे तो जानलेवा साबित हुए और उनका इस्तेमाल रोक दिया गया और उसकी जांच भी शासन के आदेश पर शुरू करवाई जा रही है। वहीं पूर्व में इस्तेमाल होने वाले एम्फोटेरेसिन बी इंजेक्शन (Ampoteresin B Injection) 497 मिले, जो इंदौर के 23 निजी अस्पतालों (Private Hospitals) को आवंटित किए गए। अस्पतालों को कहा कि वे इंजेक्शन स्टॉकिस्ट से हासिल कर सकते हैं।
पिछले दिनों साढ़े 12 हजार सस्ते इंजेक्शन (Injection) हिमाचलप्रदेश की फार्मा कम्पनी से बुलवाए थे। 300 रुपए कीमत वाले ये इंजेक्शन घटिया और जानलेवा साबित हुए। इसको लगाने के बाद इंदौर सहित अन्य शहरों के मरीजों को ठंड लगने, उल्टी, सिरदर्द से लेकर अन्य शिकायतें शुरू हो गईं। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर ने बताया है कि जिन अस्पतालों को इंजेक्शन आवंटित किए गए हैं, उनमें से अपोलो हॉस्पिटल को 09, एप्पल हॉस्पिटल को 24, अरबिंदो हॉस्पिटल को 72, भंडारी हॉस्पिटल को 15, बॉम्बे हॉस्पिटल को 60, सीएचएल हॉस्पिटल को 50, चोइथराम हॉस्पिटल को 80, डीएनएस हॉस्पिटल को 30, एमिनेंट हॉस्पिटल को 9, गोकुलदास हॉस्पिटल को 03, ट्रामा सेंटर को 3 सहित अन्य अस्पतालों को ये इंजेक्शन दिए गए।
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