– पिछले 15 दिनों से मलबा उठाने का निगम का अमला कर रहा है कार्य
– शुरुआती दौर में 20 से 25 डंपर लगाए थे, अब 50 से 60 डम्पर रोज
– निगम को एक डम्पर और जेसीबी पर हर रोज खर्च करना होते हैं पांच हजार
इन्दौर।
बड़ा गणपति (Bada Ganpati) से कृष्णपुरा (Krishnapura) तक की सडक़ के लिए अलग-अलग हिस्सों में तोडफ़ोड़ (Demolition) का काम बदस्तूर जारी है और हर रोज वहां होने वाली तोडफ़ोड़ के बाद मलबा (Debris) उठाने के लिए रोज रात को 8 बजे से क्षेत्र में डंपर पहुंचना शुरू हो जाते हैं, जबकि कई जेसीबी क्षेत्र में ही खड़ी की गई हैं।
नगर निगम (municipal Corporation) ने बड़ा गणपति (Bada Ganpati) से खजूरी बाजार (Khajuri Bazar) तक के हिस्से में नपती, निशान लगाने की कार्रवाई के बाद रहवासियों को समझाइश देकर खुद ही अपने स्तर पर तोडफ़ोड़ करने के लिए कहा था। चूंकि मध्य क्षेत्रों के इलाकों में कई वषों पुराने मकान हैं, इसलिए जेसीबी अथवा पोकलेन से वहां तोडफ़ोड़ होती तो लोगों का ज्यादा नुकसान हो सकता है। इसी के चलते लोगों ने खुद अपने स्तर पर तोडफ़ोड़ अभियान शुरू कर दिया। अब तक बड़ा गणपति (Bada Ganpati) से टोरी कार्नर ( Tory Corner), मल्हारगंज, गोराकुंड ( Gorakund) और खजूरी बाजार (Khajuri Bazar) तक के हिस्से में अलग-अलग छोर पर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई रोज चल रही है। कहीं बैरिकेड्््स लगाकर तोडफ़ोड़ की जा रही है तो कहीं परिवार के लोग मजदूरों की मदद से अपने आशियानों के बाधक हिस्से ढहाने में जुटे हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि लोग स्वेच्छा से बाधक हिस्से हटा रहे हैं। इसलिए फिलहाल निगम की ओर से कार्रवाई की कोई प्लानिंग नहीं है।
खुद अफसरों को फोन कर उठवा रहे हैं मलबा
जिन क्षेत्रों में तोडफ़ोड़ होती है, वहां शाम को आसपास के रहवासी निगम अफसरों को फोन लगाकर मलबा (Debris) उठवाने की सूचना देते हैं, ताकि मलबे के कारण उनके घरों में आवागमन बाधित न हो। रोज रात 8 बजे से पूरे बड़ा गणपति क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर निगम वर्कशाप विभाग (Corporation Workshop Department) द्वारा डंपर भेजने की कार्रवाई अधिकारियों के निर्देश पर की जा रही है और यह सिलसिला कई दिनों से जारी है।
कान्ह किनारे हो रहा है भराव
वर्कशाप विभाग ( Workshop Department) के प्रभारी मनीष पांडे के मुताबिक बड़ा गणपति (Bada Ganpati) से खजूरी बाजार (Khajuri Bazar) तक हो रही तोडफ़ोड़ (Demolition) के चलते शुरुआती दौर में 25 से 30 डंपर उठाने के लिए लगाए गए थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 50 से 60 तक पहुंच गया है और मलबा (Debris) उठाने का काम रात 8 से सुबह 5 बजे तक निरंतर जारी रहता है। इसके लिए वहां कई जेसीबी खड़े किए गए हंै। वहां से उठाया जाने वाला मलबा पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजा जा रहा था, लेकिन अब संजय सेतू कान्ह नदी के हिस्सों में अधिकारियों के निर्देश पर भराव किया जा रहा है।
हर दिन सुबह तक सडक़ें साफ करने का टारगेट
अधिकारियों के मुताबिक गोराकुंड, खजूरी बाजार (Khajuri Bazar) और बड़ा गणपति (Bada Ganpati) पर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई तेजी से चल रही है और दिनभर में वहां निकलने वाले मलबे (Debris) के कारण किसी प्रकार की दिक्कत रहवासियों को ना हो और मलबे से ड्रेनेज लाइनें और नालियां चोक होने के चलते निगम अमले को निर्देश दिए गए हैं कि दिनभर तोडफ़ोड़ (Demolition) के बाद रात में हर हाल में मलबा उठाने की कार्रवाई पूरी कर ली जाए और सडक़ें सुबह साफ रखने का टारगेट पूरा किया जाए।
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