- इस बार फिर 51 लाख पौधे लगाए जाने की तैयारियां, खोज रहे हैं जमीनें
- गुलमर्ग परिसर के पास शासकीय जमीन पर निगम आने वाले दिनों में शुरू करेगा काम
इन्दौर। पिछली बारिश के आसपास शहरभर में 51 लाख पौधे (51 lakh plants) लगाकर रिकार्ड बनाया गया था। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि इस बार भी 51 लाख पौधे शहरभर में लगाए जाएंगे, उसी के चलते नगर निगम (Municipal council) और वन विभाग (Forest Department) कई स्थानों पर खाली पड़ी जमीनों को चिन्हित करने में जुटा है। ऐसी ही 35 बीघा जमीन कनाडिय़ा (kanaadiya) गुलमर्ग परिसर के पास निगम को मिली है।
51 लाख पौधे शहरभर में लगाने के लिए निगम अफसरों को जगह-जगह जमीनों की तलाश करना पड़ी थी और रेवतीरेंज की पहाड़ी पर सर्वाधिक पौधे लगाने का काम हुआ था। इस बार भी यह अभियान जारी रहेगा और इसी के चलते कई खाली पड़ी जमीनों की तलाश की जा रही है, जहां बड़े पैमाने पर पौधारोपण के कार्य हो सके। नगर निगम से लेकर वन विभाग और कई अन्य विभाग जमीनों को चिन्हित कर उसके रिकार्ड खंगाल रहे हैं। पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक कर्यक्रम के दौरान घोषणा की थी कि इस बार भी वर्षाकाल के पूर्व शहरभर में अलग-अलग स्थानों पर फिर से 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे और इसके लिए उन्होंने कई विभागों को तैयारी करने के निर्देश दिए। जनकार्य और उद्यान समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक कनाडिय़ा में पीएम आवास योजना गुलमर्ग के समीप ग्रामीण हिस्से में 35 बीघा से ज्यादा सरकारी जमीन निगम को मिली है। अब इस सरकारी भूमि पर सिटी फारेस्ट बनाया जाएगा और उसके लिए आने वाले दिनों में काम शुरू कराए जाएंगे। इस जमीन पर दो लाख से ज्यादा विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कल नगर निगम के अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर और अन्य अधिकारियों के साथ वहां दौरा भी किया है और इसको लेकर प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है।
सनावदिया में ग्रीनरी के लिए मिले एक करोड़ अब सिटी फारेस्ट में खर्च होंगे
पिछले दिनों शासन ने सनावदिया गांव क्षेत्र में ग्रीनरी के लिए नगर निगम को 1 करोड़ की राशि भेजी थी, लेकिन सनावदिया में अधिकांश जगह पथरीला इलाका होने के कारण वहां ग्रीनरी के कार्य किए जाने संभव नहीं थे। इसी के चलते अब निगम कनाडिय़ा क्षेत्र की उक्त जमीन पर एक करोड़ के कार्य कराएंगे और वहां बड़े पैमाने पर पौधारोपण होगा।