इंदौर। शहर (Indore City) कितना आक्रांत और दहशत में जिंदगी जी रहा है, इस बात का अंदाजा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि सात माह में शहर में 31 हत्याएं हुईं, यानी औसतन हर सात दिन में एक हत्या हो रही है, वहीं लगभग रोजाना एक रेप का केस दर्ज हो रहा है।
शहर में अपराधों पर नियंत्रण के लिए डेढ़ साल पहले पुलिस कमिश्नरी सिस्टम (Police Commissionerate System) लागू किया गया था, लेकिन इसके बावजूद अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पुलिस रिकार्ड (Police Record) के अनुसार इस साल प्रथम सात माह में शहर में 31 हत्याएं हुई हैं। इस हिसाब से हर सात दिन में एक हत्या हो रही है। हर माह 4 या 5 हत्याएं हो रही हैं। वहीं रेप की बात करें तो पुलिस रिकार्ड के अनुसार इस साल सात माह में रेप के 192 केस दर्ज हुए हैं। इस हिसाब से हर माह 27 केस दर्ज हो रहे हैं। रेप का रोजाना लगभग एक केस शहर में दर्ज हो रहा है। इसके अलावा लूट के मामले बढ़े हैं। इसके पीछे पुलिस का तर्क है कि पहले चेन और मोबाइल उड़ाने के मामले में चोरी का केस दर्ज होता था, लेकिन अब पुलिस ऐसे मामलों में लूट का केस दर्ज कर रही है। इसके चलते यह आंकड़ा बढ़ा है।
फिर भी पुलिस का दावा कि शहर में अपराध घटे
डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल (DCP Crime Nimish Aggarwal) का कहना है कि शहर में हत्या और रेप के मामलों में कमी आई है। पिछले साल के प्रथम सात माह में जहां हत्या के 43 केस दर्ज हुए थे, वहीं इस साल 31 केस दर्ज हुए हैं। पिछले साल रेप के 235 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस साल 192 मामले दर्ज हुए हैं। दोनों मामलों में कमी आई है।
तीन हत्याकांड के बाद पुलिस सडक़ पर उतरी
चंदननगर में गाड़ी के विवाद में एक युवक की हत्या और ऐसे ही विवाद में कनाडिय़ा में महू के युवक की हत्या, उसके बाद खजराना में गार्ड ने कुत्ते के मामूली विवाद में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामूली विवाद में हुई हत्या के बाद पुलिस सडक़ पर है, लेकिन अपराध नियंत्रित नहीं हैं।
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