इंदौर। प्राधिकरण (IDA) द्वारा लवकुश चौराहा (Lavkush Square) पर एक डबल डेकर (double-decker) फ्लायओवर (flyover) भी बनवाया जा रहा है, जिसकी लागत लगभग 150 करोड़ रुपए आएगी। इस डबल डेकर फ्लायओवर के लिए सभी 29 पिलर भी तैयार हो गए हैं और अब उनके बीच मेट्रो की तरह सेगमेंट की लॉन्चिंग कल आधी रात के बाद से शुरू की गई है। अब रोजाना रात में ही इसी तरह तैयार सेगमेंट विशाल क्रेनों की सहायता से एक-एक कर लॉन्च किए जाएंगे। एक सेेगमेंट का वजन 12 टन है और कुल 247 सेगमेंट (247 segments) लॉन्च होंगे, जिनका कुल वजन लगभग 3 हजार टन रहेगा। कल रात विधिवत पूजा-अर्चना के साथ प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार की मौजूदगी में यह लॉन्चिंग की गई।
वर्तमान में अभी मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर भी गांधी नगर चौराहा और उसके आगे तक निर्मित किया जा रहा है। इसमें भी पिलरों के बीच सीमेंट कांक्रीट के फैक्ट्रियों में तैयार भारी-भरकम सेगमेंट क्रेनों की सहायता से लॉन्च किए गए। उसी तर्ज पर कल रात से डबल डेकर फ्लायओवर पर भी सेगमेंट लॉन्चिंग की प्रक्रिया शुरू की गई। इस मौके पर सीईओ अहिरवार सहित प्राधिकरण के अन्य अधिकारी-इंजीनियर और ठेकेदार फर्म के लोग शामिल रहे। प्राधिकरण द्वारा लवकुश चौराहा पर एक फ्लायओवर तो निर्मित किया ही जा रहा है, जिसकी एक भुजा से यातायात शुरू कर दिया गया और दूसरी भुजा से भी अगले 10 से 15 दिनों में यातायात शुरू हो जाएगा। वहीं इसी चौराहा पर प्रदेश का पहला विशाल और अनूठा डबल डेकर फ्लायओवर भी बनाया जा रहा है, जिसमें मेट्रो का संचालन भी होगा। इस डबल डेकर फ्लायओवर के निर्माण पर 150 करोड़ रुपए की राशि प्राधिकरण द्वारा खर्च की जा रही है और अगले साल इसका निर्माण पूरा होगा। कल कडक़ड़ाती ठंड के बीच सेगमेंट लॉन्चिंग की प्रक्रिया भी प्राधिकरण ने शुरू करवाई। अब रोजाना इसी तरह एक-एक कर सेगमेंट की लॉन्चिंग की जाएगी। चूंकि दिन में यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है इसलिए आधी रात के बाद और सुबह 5 बजे तक यह लॉन्चिंग होगी। प्राधिकरण के मुताबिक डबल डेकर फ्लायओवर के सभी पिलर तैयार हो गए हैं और अभी लगभग 65 सेगमेंट भी बनकर साइड पर आ गए हैं। अब रोजाना इनकी इसी तरह लॉन्चिंग की जाएगी। कुल 247 सेगमेंट लगना है, जिसमें अब 5 से 6 माह का समय लगेगा। सीमेंट कांक्रीट के 12-12 टन वजनी ये सेगमेंट फैक्ट्रियों से बनकर आते हैं और फिर विशाल क्रेन और अन्य साधनों की सहायता से इन्हें चढ़ाया जाता है। चूंकि डबल डेकर ब्रिज की कुल ऊंचाई 22 मीटर रहेगी। लिहाजा सेगमेंट लॉन्चिंग का काम भी इतनी ऊंचाई पर कम चुनौतीपूर्ण नहीं रहेगा, जिसमें विशाल क्रेनों के साथ-साथ कुशल श्रमिकों और साधन-संसाधनों की जरूरत लगेगी। प्राधिकरण सीईओ श्री अहिरवार के मुताबिक इसीलिए वे पहले दिन सेगमेंट $लॉन्चिंग के अवसर पर मौजूद रहे। इस डबल डेकर ब्रिज की ऊंचाई शहर में बनने वाले फ्लायओवरों की तुलना में दो गुनी ऊंची रहेगी और नीचे से मेट्रो लाइन गुजरेगी। इसी चौराहा पर प्राधिकरण ने फोरलेन का फ्लायओवर भी निर्मित किया है, जिसकी एक भुजा से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कुछ समय पूर्व जो लोकार्पण किया था उसी दिन से यातायात शुरू कर दिया है और अगले 10 से 15 दिनों में दूसरी भुजा भी खजराना फ्लायओवरों की तरह शुरू कर दी जाएगी। प्राधिकरण द्वारा लवकुश पर जहां दो फ्लायओवर निर्मित किए गए, उसी तरह खजराना, फूटी कोठी और भंवरकुआ पर भी फ्लायओवर निर्मित किए गए हैं, जिनमें से फूटी कोठी, भंवरकुआं और खजराना फ्लायओवरों से यातायात सरपट दौडऩे लगा है। सिर्फ लवकुश चौराहा की एक भुजा बची है। दूसरी तरफ एबी रोड पर बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया के साथ ही प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवर निर्मित किए जाना है, जिसके लिए प्राधिकरण ने फिजिबिलिटी सर्वे शुरू करा दिया है। आने वाले दो-तीन सालों में शहर में एक दर्जन से अधिक फ्लायओवरों की सौगात मिल जाएगी।
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