शासन ने कल रात भिजवाए… इंदौर के मेडिकल कॉलेज को बनाया नोडल एजेंसी… अस्पतालों से मांगी जानकारी
इंदौर। एक तरफ बढ़ते मरीज, दूसरी तरफ घटती सुविधाओं के बीच परिजन सुबह से रात तक हलाकान हैं… ऑक्सीजन का टोटा, तो उस पर इंजेक्शन (Injections) की मारामारी इतनी ज्यादा है कि लोग घंटो दवा बाजार (drug markets) में कतारें लगाकर घड़े हैं। वहीं कल रात 2 हजार रेमडिसीवर इंजेक्शन मध्यप्रदेश शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर भिजवाए हैं। हालांकि ये इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों के लिए नि:शुल्क इस्तेमाल होंगे और इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज को इंजेक्शन (Injections) के वितरण के लिए शासन ने नोडल एजेंसी बनाया है। लिहाजा इंदौर सहित संभाग के सभी सरकारी अस्पतालों से जानकारी मांगी गई है, ताकि जरूरत के मुताबिक इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा सकें।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कल जहां 60 घंटे के लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की, वहीं अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजोरा (Dr. Rajesh Rajoura) ने आदेश जारी किए, जिसमें उन्होंने बताया कि दमोह को छोडक़र शनिवार-रविवार लॉकडाउन के अलावा सरकारी दफ्तर सप्ताह में 5 दिन ही खुलेंगे। वहीं मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन के अलावा रेमडिसीवर इंजेक्शन (Remedisvir Injection) की बढ़ रही कमी के मद्देनजर इंजेक्शन (Injections) निर्माताओं से चर्चा शुरू की। वहीं गरीबों को नि:शुल्क इंजेक्शन उपलब्ध कराने की घोषणा की गई, जिसके पालन में कल रात 2 हजार इंजेक्शन चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिले, जो उसने इंदौर भिजवा दिए। इंदौर एमजीएम मेडिकल कालेज डीन डॉ. संजय दीक्षित (MGM Medical College Dean Dr. Sanjay Dixit) ने कहा कि यह इंजेक्शन मिल गए हैं, जो सरकारी अस्पतालों में भर्ती गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज के ळिए नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल कालेज को चूंकि नोडल एजेंसी बनाया गया है, लिहाजा वह सभी सरकारी अस्पतालों से जानकारी ले रहा है, ताकि गंभीर मरीजों के लिए ये इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा सकें। इंदौर के एमवाय, एमआरटीबी, सुपर स्पेशिएलिटी, एमटीएच, न्यू चेस्ट वार्ड में भी भर्ती मरीजों को ये इंजेक्शन नि:शुल्क मिलेंगे। वहीं संभाग के साथ प्रदेश के अन्य अस्पतालों से भी डिमांड आने पर उन्हें सप्लाय किए जाएंगे। अभी हालांकि ये इंजेक्शन सक्षम लोगों को भी नहीं मिल रहे हैं, जो किसी भी कीमत पर खरीदने को तैयार हैं।
आज नहीं मिलेंगे इंजेक्शन
कल तो जैसे-तेसे उपलब्ध इंजेक्शनों ोक बंटवाया गया। हालांकि बड़ी संख्या में लोग कतार में खड़े रहे और सक्षम लोगों को भी अधिक दाम चुकाकर ये इंजेक्शन आसानी से नहीं मिल रहे हैं। वहीं आज इंजेक्शन (Injections) की सप्लाय ना होने से दुकानों पर भी नहीं मिलेंगे। सिर्फ बड़े अस्पतालों, जिनके पास पहले से रखे हैं वे ही इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
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