सनावदिया में प्रशासन ने फिर हासिल की गोचर भूमि… बिना सक्षम स्वीकृति कर दिया क्रय-विक्रय
इंदौर। सनावदिया (Sanavadia) में भिचोली हप्सी (Bhicholi Hapsi) में सरकारी गोचर की जमीन पर दिए गए पट्टों (Lease) का अवैध क्रय-विक्रय विगत वर्षों में हो गया। पिछले दिनों अग्निबाण ने भी इसका खुलासा किया था, जिसके चलते कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने जांच शुरू करवाई और अपर कलेक्टर ने 11 पट्टे निरस्त कर लगभग 20 एकड़ जमीन को फिर से सरकारी घोषित कर दिया। अभी लगभग 10 एकड़ जमीनों के प्रकरण विचाराधीन हैं। अभी जो 11 पट्टे निरस्त किए उनमें लगभग 35 करोड़ रुपए की जमीन सरकारी घोषित की गई। आदेश में शासन हित में कब्जा प्राप्त कर निजी व्यक्ति का नाम विलोपित कर राजस्व रिकॉर्ड में इन जमीनों को मध्यप्रदेश शासन चरनोई दर्ज किया जाएगा।
पिछले दिनों सनावदिया, जामलियाखुर्द, तिल्लौैर से लेकर अन्य क्षेत्रों में अवैध कालोनियों की शिकायतें सामने आई। इनमें सनावदिया में पट्टे पर दी गई कुछ जमीनों पर भी अवैध कालोनियां कट गई, जिसकी शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच शुरू करवाई और अभी 11 पट्टों को निरस्त किया गया। इस संबंध में न्यायालय अपर कलेक्टर पवन जैन ने विधिवत आदेश जारी किए। इसमें डॉ. कमर हुसैन पिता मजहर हुसैन, यसीम कुद्दुस पिता अफजल यूनूस, सरदार पटेल, नासीर पिता शब्बीर खान, बाबू पिता हीरा भील, नीतू पति नवीन यादव, जयराम पिता नृसिंह, अभिषेक पिता रामनाथ और सलमा पति रहीम की जमानों को फिर सरकारी घोषित किया गया। सर्वे नम्बर 670/14, 645/2, 670/11, 670/12, 670/7, 645/4, 645/5/1, 645/3, 645/1, 670/1, 670/3 में इन 11 पट्टों की 8.121 हैक्टेयर यानी लगभग 20 एकड़ जमीन को सरकारी घोषित किया गया। अपर कलेक्टर श्री जैन के मुताबिक सनावदिया में भिचोली हप्सी स्थित सरकारी गोचर की जमीन, जिसका सर्वे नम्बर 670 है, उसने 12.100 हैक्टेयर यानी लगभग 30 एकड़ जमीन शामिल है, उसके टुकड़े कर ये जमीनें विगत वर्षों में अवैध रूप से क्रय-विक्रय की गई। वर्ष 77-78 में बिना सक्षम अधिकारी के आदेश ये जमीनें निजी व्यक्तियों के नाम दर्ज की गई, जबकि 85-86 और उसके बाद 89-90 के खसरे में सरकारी पट्टेदार अंकित किया गया और बाद में बिना किसी आदेश के सरकारी पट्टेदार शब्द हटाकर निजी व्यक्तियों के नाम जमीनें चली गई। अभी जिन 11 पट्टों को निरस्त कर 20 एकड़ जमीन सरकारी घोषित की गई, उसका बाजार मूल्य लगभग 35 करोड़ रुपए से कम नहीं है। अन्य 8 प्रकरणों की भी अभी सुनवाई चल रही है।
30 में 20 एकड़ के आदेश हो गए जारी
अभी सनावदिया (Sanavadia) में 30 एकड़ में से 20 एकड़ जमीनों पर आदेश जारी हो गए हैं। अभी 8 पट्टे और निरस्त होना है। इनमें से एक किसी डांगी ने पॉवर ऑफ अटार्नी करवा रखी है। वहीं कुछ जमीनों पर 80-90 मकानों की अवैध कालोनी भी विकसित हो गई है। एक प्रकरण में कोर्ट का स्टे भी बताया गया है। लिहाजा विधिवत सुनवाई करने के बाद प्रशासन शेष लगभग 10 एकड़ जमीन को भी सरकारी घोषित करने के आदेश जारी करेगा। दरअसल, शासन द्वारा अगर पट्टे पर जमीन दी गई है और 10 वर्ष तक उसका अंतरण नहीं किया जा सकता, लेकिन 10 साल बाद भी अगर अंतरण करना हो तो कलेक्टर की अनुमति अनिवार्य है। बिना अनुमति के अंतरण शून्य माना जाता है। इन सभी प्रकरणों में सक्षम स्वीकृति यानी कलेक्टर की अनुमति नहीं ली गई। राजस्व मंडल से लेकर सर्वोच्च अदालत ने भी ऐसी जमीनों के लिए मंजूरी आवश्यक बताई है।
टैक्स वसूली में सख्ती… कालोनी कुर्क
अभी प्रशासन ने डायवर्शन टैक्स की वसूली में भी सख्ती शुरू की है। कलेक्टर मनीष सिंह ने संबंधित राजस्व अधिकारियों को रोजाना कम से कम 1 करोड़ रुपए का टैक्स जमा करवाने का लक्ष्य दिया है। लिहाजा कल राऊखेड़ी में सिद्धि विनायक पेराडाइज को कुर्क-सील किया गया। इस कालोनी पर लगभग लगभग 33 लाख रुपए का टैक्स बकाया बताया गया है। पूर्व में नोटिस जारी होने पर कुछ टैक्स जमा किया था, लेकिन बचा हुआ टैक्स जमा करने में आनाकानी की जा रही थी। जब कालोनी के गेट को सील किया जा रहा था तब भी कालोनाइजर ने टैक्स जमा करवाने की बात कही, लेकिन अपर तहसीलदार ने कहा जब टैक्स जमा करवा दोगे तो गेट खोल देंगे। पिछले दिनों भी जिला प्रशासन ने डायवर्शन टैक्स वसूली में इसी तरह जब्ती-कुर्की की कार्रवाई की थी और अब फिर पूरे जिले में बकायादारों की सूची बनाकर तहसीलदारों को वसूली के लिए सौंप दी है।
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