सूरज की गर्मी से सौर ऊर्जा को मिल रहा बढ़ावा
शहर में 1080 स्थानों पर रूफटाप एनर्जी में सफलता
इन्दौर कमलेश्वरसिंह सिसौदिया। इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान जनता कफ्र्यू को तकरीबन 40 दिन हो रहे हैं। इस दौरान भरपूर गर्मी रही और प्रतिदिन सूरज की किरणें 12 से 13 घंटे तक मौजूद होने से सौर ऊर्जा से बिजली बनने का काम रिकार्ड स्तर पर चला।
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा रूफटाप सोलर एनर्जी पर काम इंदौर शहर में हुआ है। यहां लगभग 1080 स्थानों पर सोलर पैनल के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा है। जनता कफ्र्यू के दौरान तकरीबन 40 दिनों में शहर की छतों से 35 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हुई है, जिसका बाजार मूल्य तकरीबन ढाई करोड़ रुपए है। शहर के पूर्वी इलाके यानी मनोरमागंज, सत्यसांई, विजयनगर, बंगाली चौराहा, देवास रोड, खजराना आदि इलाकों में सबसे ज्यादा तकरीबन पौने चार सौ छतों से बिजली तैयार हो रही है। इनमें घर, दुकान, कार्यालय, लघु उद्योग आदि शामिल हैं। इन छतों पर प्रतिदिन 40 से लेकर 500 रुपए तक की बिजली सोलर पैनल के माध्यम से तैयार हो रही है। स्मार्ट सिटी इंदौर के जागरूक लोगों में रूफटाप सोलर एनर्जी को लेकर इतनी रुचि है कि बिजली कंपनी के सभी झोन के अंतर्गत इस तरह बिजली उत्पादित हो रही है। इस बिजली का हिसाब-किताब नेट मीटर के माध्यम से होता है, जो प्रत्येक बिल में दर्ज भी किया जाता है।
बरसात और ठंड में घटेगा उत्पादन
बारिश के समय बादल और ठंड के दिनों में दिन छोटे होने के कारण सोलर बिजली का उत्पादन 35 से 45 प्रतिशत घट जाता है। बारिश में जहां सूरज कई दिनों तक बादलों की ओट में लुकाछुपी करता है तो ठंड के दिनों में सूरज की किरणों की उपलब्धता 9 से 10 घंटे ही रहती है। इस लिहाज से सोलर ऊर्जा के लिए वर्तमान गर्मी का समय सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन करने वाला होता है।
छोटे घरों की छतों पर भी लगे पैनल
इंदौर शहर में 600-700 स्क्वेयर फीट ऐसे छोटे-छोटे घरों में भी लगभग 1 से 2 हजार रुपए प्रतिमाह की बिजली बन रही है तो बड़े बंगलों की 2 से 4 हजार स्क्वेयर फीट की छतों पर 4 से 6 हजार रुपए प्रतिमाह की बिजली सौर ऊर्जा के माध्यम से बनाई जा रही है।
यहां पर सबसे ज्यादा सोलर बिजली का उत्पादन
इंदौर शहर में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन एमवाय अस्पताल, जीएसीसी परिसर, नगर निगम के कचरा स्टेशन, रेलवे, पॉलीटेक्निक कालेज, एसपी आफिस, कलेक्टर कार्यालय, बाणगंगा मेंटल हास्पिटल, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र आदि दर्जनों शासकीय दफ्तरों की छतों पर भी सोलर पैनल लगाए गए हैं। यहां पर प्रतिदिन 7 से 10 हजार रुपए बाजार मूल्य की बिजली उत्पादित हो रही है।
इंदौर सबसे आगे, यहां के लोग जागरूक
सोलर पैनल से बिजली बनाने के लिए घरों एवं दफ्तरों की छतों का उपयोग इंदौर में सबसे ज्यादा किया जा रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा जागरूक नागरिक इंदौर के हैं, वहीं सरकार और कंपनी सोलर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है और इसके हितग्राहियों को सब्सिडी का लाभ भी दिलाया जा रहा है।
अमित तोमर (एमडी) बिजली कंपनी, इंदौर
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