नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर में चीनी दादागीरी का सामना करने के लिए इंडोनेशिया अब फ्रांस से 42 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है। फ्रांसीसी रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने बृहस्पतिवार को बताया कि दोनों देशों के बीच समझौतों की एक शृंखला पर इस संबंध में दस्तखत किए गए। इसमें पनडुब्बी विकास और गोला-बारूद का निर्माण भी शामिल है।
इंडोनेशिया के सरकारी सचिवालय ने एक बयान में फ्रांस के साथ हुए समझौतों पर हस्ताक्षर की पुष्टि की, लेकिन राफेल या सौदों के किसी भी विवरण का जिक्र नहीं किया गया। यह आदेश भारत के बाद इंडोनेशिया को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित जेट पर भरोसा करने वाला दूसरा देश बना देगा।
दसॉल्ट ने कहा, यह सौदा एक दीर्घकालिक साझेदारी की शुरुआत को चिंहित करता है और इसे इंडोनेशिया में अपनी उपस्थिति को तेजी से बढ़ाने की अनुमति देगा। समझौते की खबर से इसके शेयर करीब फीसदी चढ़ गए। भारत के बाद इंडोनेशिया द्वारा राफेल खरीदे जाने के बाद चीन की दिक्कत बढ़ेगी। फ्रांस और इंडोनेशिया में यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है।
नातुना द्वीप को लेकर विवाद
चीन और इंडोनेशिया के बीच दक्षिणी चीन सागर में नातुना द्वीप को लेकर विवाद है। सितंबर में ही इंडोनेशिया ने अपने जलीय सीमा में पहुंचे चीन के एक युद्धपोत को खदेड़ दिया था। इसके बाद से चीन ने उसके चारों ओर घेराबंदी बढ़ा दी। दक्षिण चीन सागर में चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए इंडोनेशिया लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है।
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