बैंकाक । इंडोनेशिया सरकार (Government of Indonesia) ने एक कट्टरपंथी इस्लामिक ग्रुप (radical Islamic group) को हिंसा के आरोप में गैरकानूनी घोषित कर उसकी सभी गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया। यह कार्रवाई एक फायरब्रांड नेता रिजिक शिहाब के स्वनिर्वासन से लौट कर ‘नैतिक क्रांति’ की अगुआई करने की घोषणा के दो महीने के भीतर ही की गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख के दस्तखत से जारी एक बयान में सरकार ने कहा है कि इस ग्रुप के सदस्य आतंकवादी तथा आपराधिक कार्रवाइयों में शामिल रहे हैं तथा इसकी गतिविधियों से सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ती है। 55 वर्षीय रिजिक मौलवी है तथा पैगंबर मुहम्मद के वशंज होने का दावा करता है। उस पर कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर हजारों लोगों की भीड़ जुटा कर कार्यक्रम करने का आरोप है। उसने इस महीने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया और उसे छह साल तक की कैद हो सकती है।
गिरफ्तारी के कुछ ही दिन पहले ही उसके छह अंगरक्षकों को पुलिस ने मार गिराया था। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आत्मरक्षा में की गई। रिजिक अभी जेल में ही है। ग्रुप को भंग करने के आदेश में कहा गया है कि इसका सरकारी पंजीकरण पिछले साल ही समाप्त हो गया था और इस लिहाज से इस संगठन को अब मान्यता नहीं है। अब इसे किसी भी गतिविधि के लिए प्रतिबंधित किया जाता है। वह अपने निशान का भी उपयोग नहीं कर सकेगा।
सरकार ने कहा है कि ग्रुप के 29 सदस्यों को आतंकी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया गया है, लेकिन उसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया है।
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